कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने एक कार्यक्रम को वर्चुअल संबोधित करते हुए कहा,” आज मजदूरों और किसानों के सबसे बड़े मसीहा महात्मा गांधी का जन्म दिवस है।” उन्होंने कहा, “महात्मा गांधी कहा करते थे कि भारत की आत्मा भारत के किसान, गांव, खेत और खलिहान में बसती है।” आज जय जवान जय किसान का नारा देने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्मदिन है! लेकिन आज देश का किसान, मजदूर तीन कृषि विरोधी अधिनियम के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। देश को अपने पसीने से अनाज देने वाले किसान को मोदी सरकार खून के आंसू रुला रही है। सोनिया गांधी ने कहा, ” हमने संक्रमण के समय कहा था कि देश में प्रत्येक जरूरतमंद व्यक्ति को मुफ्त में अनाज मिलना चाहिए। तो क्या यह किसान भाइयों के बिना संभव था कि हम करोड़ो लोगों के दो वक्त के भोजन का इंतजाम कर सकते थे?
Highlights of Hon'ble Congress President Smt. Sonia Gandhi's video message on the birth anniversary of Mahatma Gandhi and Lal Bahadur Shastri.#GandhiJayanti#LalBahadurShastriJayanti pic.twitter.com/m7OCSWGtEg
— Congress (@INCIndia) October 2, 2020
“आज हमारे देश के प्रधानमंत्री हमारे देश के अन्नदाता पर घोर अन्याय कर रहे हैं। उनके साथ नाइंसाफी कर रहे हैं, जो कानून किसानों के लिए बनाए गए हैं उसके लिए किसानों से सलाह मशवरा भी नहीं किया गया। इतना ही नहीं किसानों को नजरअंदाज करके अपने कुछ दोस्तों से बात करके तीन काले कानून बना दिए गए हैं। जब संसद में भी किसानों के खिलाफ कानून बनाते हुए आवाज नहीं सुनी गई तब महात्मा गांधी के मार्ग पर चलते हुए सड़कों पर आए हैं, लोकतंत्र विरोधी सरकार के द्वारा उनकी बात सुनना तो दूर उन पर लाठियां बरसाई जा रही है। ”
इसके अलावा सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि हम इन अधिनियम का विरोध तब तक करेंगे जब तक इन कानूनों को रद्द नहीं किया जाता। इस कार्यक्रम में उन्होंने भूमि अधिग्रहण कानूनों का भी उदाहरण दिया। उन्होंने सरकार पर कृषि उपज मंडी समिति को खत्म करने का आरोप लगाया और यह भी कहा कि महामारी के दौरान किसानों के कारण गरीबों को राशन मिला है, लेकिन यह सरकार जमाखोरों को आगे बढ़ाना चाहती है और किसानों को उनके खेत में ही श्रमिक बनने को मजबूर करना चाहती है।
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