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फिल्म समीक्षामरवाजां फिल्म रिव्यू: 80-90 के दशक की हीरो, हीरोइन...

मरवाजां फिल्म रिव्यू: 80-90 के दशक की हीरो, हीरोइन और विलेन वाली कहानी को नए रुप में दर्शाती है फिल्म मरजावां

मुख्य कलाकार: सिद्धार्थ मल्होत्रा, रितेश देशमुख, तारा सुतारिया, एम. नासर, रकुलप्रीत सिंह

निर्देशक: मिलाप जावेरी

इस हफ्ते बॉक्स ऑफिस पर दो बड़ी फिल्मों के बीच सीधी टक्कर देखने को मिल रही है। एक ओर नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी की फिल्म मोतीचूर चकनाचूर है तो वहीं दूसरी ओर सिद्धार्थ मल्होत्रा और रितेश देशमुख की जबरदस्त एक्शन फिल्म मरजावां (Marjaavaan) है। फिल्म मरजावां में सिद्धार्थ और रितेश के अलावा रकुल प्रीत सिंह और तारा सुतारिया भी मुख्य भूमिक में नज़र आ रही है। यह फिल्म पूरी तरह से 80-90 के दशक वाली फिल्मों की कहानी पर आधारित है जिसमें एक विलेन, एक हीरो और एक हीरोइन लीड रोल में होते हैं।

कहानी

फिल्म (Marjaavaan) की कहानी में कुछ खास नयापन देखने को नहीं मिलेगा। अन्ना (नासर) शहर का एक बहुत बड़ा माफिया होता है। रघु (सिद्धार्थ मल्होत्रा) बचपन से ही अन्ना के साथ रहकर बढ़ा हुआ है और उसके हर हुक्म को पूरा करने के लिए वह किसी भी हद तक जा सकता है। रघु अन्ना की कुर्सी का प्रबल दावेदार माना जाता है। लेकिन अन्ना का असली बेटा विष्णु (रितेश देशमुख) ऐसा बिल्कुल नहीं चाहता। विष्णु कद में केवल 3 फुट का होता है, जिस कारण उसे कोई सीरियस नहीं लेता और यही बात विष्णु को बिल्कुल पसंद नहीं आती।

शहर के सभी लोग केवल रघु से प्यार करते हैं। बार डांसर आरज़ू (रकुल प्रीत सिंह) भी रघु को अपना दिल दे बैठती है। लेकिन रघु कश्मीर से आई एक गुंगी लड़की ज़ोया (तारा सुतारिया) से प्यार करता है। विष्णु बहुत चालाक होता है और वह एक ऐसी स्थिति पैदा कर देता है, जिसमें रघु खुद ही अपने प्यार ज़ोया को गोली से मार देता है। इस हादसे के बाद रघु कुछ सालों के लिए जेल चला जाता है, लेकिन इस बीच विष्णु के प्रति उसके अंदर प्रतिशोध लेने की भावना बहुत बढ़ जाती है। रघु किस तरह से ज़ोया की मौत का बदला विष्णु से लेता है यह जानने के लिए आपको एक बार तो यह फिल्म देखनी पड़ेगी।

निर्देशन

मिलाप जावेरी हमेशा ही दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखे बगैर अपने मुताबिक फिल्म बनाते आए हैं और इसी कारण शायद निर्देशन के क्षेत्र में उन्हें अभी तक बड़ी सफलता हाथ नहीं लगी है। इस फिल्म में उन्होंने पूरी तरह से 80-90 के दशक की कहानी को स्क्रीन पर उतारने की कोशिश की है। फिल्म के सीरियस डायलोग्स पर दर्शकों को हँसते हुए सुना जा सकता है।

एक्टिंग

सिद्धार्थ मल्होत्रा शुरु से आखिर तक स्क्रीन पर छाए रहते हैं। बौने व्यक्ति के किरदार में रितेश देशमुख ने भी बेहतरीन काम किया है। तारा सुतारिया को फिल्म में केवल ग्लैमर और खूबसूरती बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया है। हालांकि गुंगी लड़की के किरदार में उनके एक्सप्रेशनंस काफी अच्छे नज़र आ रहे हैं। फिल्म में सभी कलाकारों की अच्छी एक्टिंग के बावजूद तालमेल की कमी नज़र आती है।

क्या है फिल्म की खासियत

गौर से देखा जाए तो फिल्म में कुछ नयापन नज़र नहीं आ रहा है। अगर आप 80-90 के दशक की फिल्म देखने का शौक रखते हैं तो एक बार यह फिल्म (Marjaavaan) देखने जा सकते हैं। वहीं अगर कॉमेडी और लीग से हटकर कुछ देखना पसंद है तो यह फिल्म देखकर आप निराश हो सकते हैं।

Image Source: Tweeted by @Riteishd

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