भारत के लोकतंत्र पर सर्वाधिक समय तक राज करने वाली कांग्रेस पार्टी आज यदि सत्ता में नहीं है तो उसका कारण है कांग्रेस के द्वारा की गई वह गलतियां जिनका परिणाम आज तक भारत भगत रहा है। चाहे चीन के सामने भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरु की शांति नीति रही हो, चाहे भारत के लोकतंत्र को बंदी बनाने का काम पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने किया, चाहे राजीव गांधी ट्रस्ट में चीनी कंपनियों से पैसे लेने की बात हो, चाहे 2G स्पेक्ट्रम का घोटाला हो यह सभी वह गलतियां हैं जिन्होंने कांग्रेस के ताबूत में आखिरी कील की तरह काम किया। लेकिन कितना आश्चर्य होता है कि भारत को बरबादी की हद तक लाने वाले कांग्रेस पार्टी के नेता हर बात के लिए भारत के प्रधानमंत्री और भाजपा सरकार को दोष देते हैं।
जम्मू कश्मीर में फैलता हुआ उग्रवाद और आतंकवाद कांग्रेस की ही देन था। कश्मीरी पंडितों पर हुए जुल्म की दास्तां कांग्रेस के शासन की ही देन थी, जिसका ज़ख्म अभी तक ताजा है। 370 जैसी धारा को कश्मीर के साथ जोड़कर जो कश्मीर को भारत से अलग करने का षड्यंत्र कांग्रेस पार्टी ने रचा था वह 70 सालों तक सफल हुआ लेकिन भारतीय जनता पार्टी की सरकार के दौरान उस जख्मों को खत्म कर दिया गया और भारत कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक पुनः एक हो गया। लेकिन इस पर भी कांग्रेस के युवराज राहुल गांधी माफी मांगने की बजाय प्रधानमंत्री पर सवाल करने लगते हैं।
वर्तमान में किसानों के हित के लिए केंद्र सरकार ने जो तीन अधिनियम पास कराए हैं उस पर भी कांग्रेस विरोध करके किसानों को गुमराह कर रही। कांग्रेस की सदैव यह नीति रही है कि केवल सरकार को बदनाम करने के लिए कांग्रेस किसी भी हद तक गिर जाती। एक तरफ जहां भारतीय सेना और भारत की सरकार लगातार चीन के साथ मुंह तोड़ जवाब दे रही थी। वहीं दूसरी ओर भारत का मुख्य विपक्ष प्रधानमंत्री और भारत की सेना पर सवाल उठा रहे थे। जिस कांग्रेस की सरकार में लगातार किसानों ने कर्ज के कर आत्महत्या की, बो लोग आज देश से माफी मांगने की बजाय दूसरे लोगों पर आरोप लगाते हैं।