बिहार में चुनावी सरगर्मियां तेज, लालू परिवार को बताया बिहार पर भार

बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बिहार में पोस्टर वॉर तेज हो चुकी है। ऐसी श्रंखला में पटना में एक नए तरह के वोटिंग देखे जा रहे हैं जिसमें लिखा है "एक ऐसा परिवार, जो बिहार पर भार !.. "

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बिहार में विधानसभा चुनाव निकट आ चुके हैं। दल बदलने वाले नेताओं का सिलसिला जारी है। विपक्ष सरकार पर बिहार को बर्बाद करने का आरोप लगा रहा है और सत्ता पक्ष विपक्ष पर बिहार की बर्बादी का ठीकरा फोड़ रहा है। इसी बीच अब बिहार में पोस्टर वार भी शुरू हो गई है। 2 दिन पहले पटना में दिखी एक नई होर्डिंग में लालू परिवार पर एक नया नारा गढ़ा गया है। जिसमें लिखा है एक ऐसा परिवार जो बिहार पर भार ! इसी नारे के साथ मंगलवार को भी एक नई होर्डिंग लगाई गई जिसमें लालू परिवार को लूट एक्सप्रेस पर सवार दिखाया गया। खास बात यह है कि होल्डिंग्स लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजप्रताप यादव के घर के पास लगाएगा यह है। यह पोस्टर लग तो गया है लेकिन अभी तक राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने इस पर कोई भी टिप्पणी नहीं की है। अब देखना यह होगा कि जेडीयू की ओर से इस पोस्टर पर क्या प्रतिक्रिया आती है?

लालू यादव करीब तीन साल से जेल में हैं। पार्टी का कामकाज तेजस्वी यादव ही देख रहे हैं। ऐसे में पुराने नेताओं की उनसे सहज मुलाकात-बात नहीं ही पाती। इस कारण लगातार उनकी पार्टी के वरिष्ठ नेता उनके बेटों की तानाशाही से रुष्ट होकर उनकी पार्टी का दामन छोड़ रहे हैं और वहीं जदयू का दामन थामते हुए दिखाई दे रहे। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले लालू प्रसाद यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल का संकट बढ़ रहा है। 70 दिन में राजद के 12 विधायक और विधान पार्षद पाला बदल चुके हैं। वे नीतीश कुमार के जनता दल यूनाइटेड (जेडी-यू) में जा चुके हैं। अब ऐसे में महागठबंधन का बिहार में सरकार बना पाना बड़ा मुश्किल दिखाई दे रहा है। और वहीं दूसरी तरफ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नीचे भारतीय जनता पार्टी जेडीयू, लोजपा और जीतन राम मांझी एक साथ आ चुके हैं। हालांकि अभी लोजपा का राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में रहने पर संदेह व्यक्त किया जा रहा है। रघुवंश प्रसाद सिंह की नाराजगी और उपाध्यक्ष पद से इस्तीफा इसी का नतीजा रहा।

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