AIMIM प्रमुख ओवैसी का केंद्र सरकार पर निशाना, मोदी सरकार पर चीन को जमीन समर्पण करने का लगाया आरोप

ओवैसी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा कि- "हमने विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान को देखा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन से लद्दाख में LAC पर अप्रैल से पहले वाली स्थिति में आने के बारे में क्यों नहीं कहा?

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एआईएमआईएम (AIMIM) के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भारत चीन सीमा विवाद को लेकर केंद्र सरकार पर जवाबी हमला बोला है। हाल ही मे भारत और चीन के विदेश मंत्रियों के बीच हुई बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान को लेकर ही ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। ओवैसी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि क्या मोदी सरकार ने 1000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर भारत के अधिकार का समर्पण कर दिया है? विदेश मंत्री ने चीन से अप्रैल से पहले वाली स्थिति में आने के लिए क्यों नहीं कहा?

भारत और चीन सीमा पर तनाव को लेकर विदेश मंत्री एस. जयशंकर और उनके चीनी समकक्ष वांग यी ने मास्को में बृहस्पतिवार को बैठक हुई। इस बैठक में हुई बातचीत में दोनों देशों की सीमाओं पर तनाव को कम करने के लिए पांच सूत्रीय योजना पर सहमति बनी है। जिसके बाद ही ओवैसी ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लिया।

ओवैसी ने शुक्रवार को ट्वीट करते हुए लिखा की- “हमने विदेश मंत्रियों के संयुक्त बयान को देखा है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने चीन से लद्दाख में LAC पर अप्रैल से पहले वाली स्थिति में आने के बारे में क्यों नहीं कहा या फिर क्या विदेश मंत्री भी अपने बॉस PMO इंडिया से सहमत है कि कोई चीनी सैनिक हमारे क्षेत्र में आया ही नहीं।”

इसके बाद ओवैसी ने एक और ट्वीट कर के अपना विरोध जाहिर किया। उन्होंने अपने अगले ट्वीट में लिखा कि, “क्या मोदी सरकार ने 1000 वर्ग किलोमीटर भूमि पर भारत के अधिकार का समर्पण कर दिया है? चीन चाहता है कि बॉर्डर पर तनाव के बीच निवेश, कूटनीति और बाकी सभी चीजें बनी रहे। भारत को इस पर सहमत नहीं होना चाहिए।”

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