भारत में दलितों के नाम पर राजनीति करने वाले राजनेताओं की लिस्ट में एक नाम और शामिल हो गया है और वह नाम है भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर का। चंद्रशेखर से पहले बहुत सारे नेताओं ने दलित उत्थान की राजनीति के लिए कदम रखा था लेकिन अपने उत्थान के लिए ही पूरी जिंदगी भर राजनीति की। जिसमें उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती और बिहार से सांसद रामविलास पासवान का नाम प्रमुख है।
क्योंकि बिहार चुनाव 2021 में होने हैं इसीलिए अब भीम आर्मी ने बिहार की तरफ अपना ध्यान केंद्रित कर लिया है। यह माना जा रहा है कि भीम आर्मी बिहार की 243 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेगी। अभी इसकी आधिकारिक घोषणा भीम आर्मी की ओर से नहीं की गई है। लेकिन समय-समय पर आंदोलनों में उतरने के कारण ऐसा लग रहा है कि अब भीम आर्मी बिहार की 243 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़ा करेगी।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय संगठन समय-समय पर दलितों के लिए अपनी राजनीति करता रहा है। जिसके लिए बसपा सुप्रीमो मायावती को भी चुनौती दी गई थी। इस संगठन की स्थापना चंद्रशेखर ने की थी। इस संगठन का निर्माण दलितों के उत्थान के लिए किया गया था जैसे पहले बहुजन समाज पार्टी का निर्माण दलितों के उत्थान के लिए ही किया गया था। अब भविष्य में देखना यह होगा कि क्या चंद्रशेखर रावण की पार्टी दलितों के उत्थान के लिए काम करती है? या केवल अपने व्यक्तिगत उत्थान के लिए कार्यरत रहेगी।