उत्तरप्रदेश सियासत में कांग्रेस की नई चाल, ब्राह्मण होगा मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार

उत्तर प्रदेश में अब ब्राह्मण राजनीति की शुरुआत हो गई है। सभी पार्टियां ब्राह्मणों को लुभाने की तरह-तरह से कोशिश कर रही हैं। इसी बीच कांग्रेस की एक नई रणनीति आई है जिसके तहत आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का मुख्यमंत्री उम्मीदवार ब्राह्मण होगा।

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उत्तर प्रदेश में इस समय पूरी तरह से राजनीति शुरू हो गई है और यह राजनीति जातिगत राजनीति है। सभी पार्टियां ब्राह्मणों को लुभाने की चाल चल रही हैं। समाजवादी पार्टी ने ऐलान किया है कि वह लखनऊ में 108 फुट की भगवान परशुराम की मूर्ति लगाएगी। वहीं बसपा ने ऐलान किया है कि वह उससे भी ऊँची भगवान परशुराम की मूर्ति लगवाएगी।

इसी बीच कांग्रेस ने अपनी चाल चलकर सभी पार्टियों की चाल पर एक रामबाण चला दिया है। यह पूरा देश जानता है कि उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण जिसके माथे पर तिलक लगा देते हैं वह सत्ता में बैठ जाता है। कांग्रेस को इस राजनीति का लंबा अनुभव भी है। उत्तर प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत, उसके बाद सुचिता कृपलानी फिर कमलापति त्रिपाठी फिर हेमवती नंदन बहुगुणा, फिर एनडी तिवारी, श्रीपति मिश्रा सहित कुल छह ब्राह्मण मुख्यमंत्री कांग्रेस ने बनाये थे।

यह माना जाता है कि 1991 तक यह वर्ग पूरी तरह से कांग्रेस के साथ था। फिर केंद्र में नरसिम्हा राव की सरकार बनी और उत्तर प्रदेश में एनडी तिवारी को तवज्जो मिलना लगभग बंद हो गया। उसके बाद ब्राह्मण कांग्रेस से हटकर भाजपा के साथ चला गया। कांग्रेस ने इस ओर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया। यह ब्राह्मण वोटर पूरी तरह से भाजपा के शिकंजे में आ चुका था।

2017 के विधानसभा चुनाव में जब राजनीति का ठीक से अध्ययन किया गया तो यह पता चला कि उत्तर प्रदेश की 206 विधानसभाओं पर ब्राह्मणों का बहुत तगड़ा प्रभाव है। इसे देखते हुए स्वर्गीय शीला दीक्षित को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित किया। लेकिन समाजवादी पार्टी से गठबंधन करने के बाद कांग्रेस को फिर झटका लगा।

इस समय भारतीय जनता पार्टी का पारंपरिक बोट ब्राह्मण भारतीय जनता पार्टी से खिसक सकता है क्योंकि उत्तर प्रदेश के ब्राह्मणों को इस समय उत्तर प्रदेश की सरकार पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है क्योंकि उन्हें यह लगता है कि यह सरकार ब्राह्मण विरोधी है। पिछले 1 महीने के घटनाक्रम के बाद समाज में यह बात फैल गई है कि भाजपा ब्राह्मणों के खिलाफ काम करती है। प्रदेश में लगातार हो रही हत्या के बावजूद सरकार का मौन यह दर्शाता है कि सरकार अभी इस घटना से अपरिचित है।

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