राजस्थान में सरकार का संकट अब खत्म होते हुए दिखाई दे रहा है। सचिन पायलट ने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी से मुलाकात कर फिलहाल राजस्थान विवाद को खत्म कर दिया है। पार्टी की ओर से पायलट और उनके विधायकों को यह आश्वासन दिया गया है, कि उनके खिलाफ कोई भी कार्यवाही नहीं की जाएगी। इस समझौते के तहत राहुल गांधी ने यह तो तय कर दिया है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत रहेंगे। जबकि सचिन पायलट का यह मानना था कि मुख्यमंत्री पद उनसे छीना जाए।
कुछ लोगों का मानना है कि सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष और उपमुख्यमंत्री का पद वापस मिल सकता है। लेकिन इसकी संभावना बहुत ही कम है क्योंकि गहलोत खेमे के मंत्री और विधायक सचिन पायलट को अब कोई भी पद देना नहीं चाहते। सचिन पायलट का समर्थन करने वाले विधायकों को प्रदेश सरकार या संगठन में कोई अहम जिम्मेदारी दी जा सकती है। लेकिन इससे एक बात साफ हो चुकी है कि राजस्थान में सरकार का संकट खत्म हो चुका है क्योंकि इस समय गहलोत खेमे के पास 102 विधायक हैं और सचिन के पास 22 विधायक हैं। यानी कुल मिलाकर कांग्रेस के पास अब 124 विधायक होंगे। जिसका अर्थ है कि सरकार पूरी तरह सुरक्षित हो जाएगी।
32 दिनों की सियासी उठापटक के बाद अब सचिन पायलट कांग्रेस में वापस आ रहे हैं। इस पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पहला बयान आया है। उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “इनकम टैक्स और सीबीआई का दुरुपयोग कर हमारी सरकार को गिराने की कोशिश हुई। हमारी सरकार 5 साल पूरे करेगी और अगला चुनाव जीतेगी। पार्टी में भाईचारा बरकरार है। तीन सदस्यों की कमेटी बनाई गई है जो सभी विवादों को खत्म करेंगी। भाजपा की ओर से हमारी सरकार गिराने की कोशिश की गई थी लेकिन हमारे विधायक एक साथ हैं और एक भी व्यक्ति हमें छोड़कर नहीं गया।”