नई दिल्ली | देश की गिरती अर्थव्यवस्था और बेरोज़गारी को लेकर का काँग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों में काफ़ी असन्तोष देखने को मिल रहा है। इसी बीच काँग्रेस पार्टी ने देश मे फ़ैली बेरोज़गारी, गिरती अर्थव्यवस्था और अन्य मुद्दों को लेकर मोदी सरकार को घेरने का ऐलान किया है। काँग्रेस के साथ ही अन्य भी बहुत से विपक्षी दलों ने भी उस बैठक में हिस्सा लिया और काँग्रेस के साथ इस संघर्ष में साथ खड़े रहने की बात कही।
इस बैठक के सम्पन्न होने के बाद काँग्रेस के वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आजाद ने बताया की बैठक में आर्थिक मंदी, बेरोज़गारी जैसी गम्भीर विषयों पर चर्चा हुई। साथ ही अगले महीने से इन सब मुद्दों को लेकर सत्ताधीन मोदी सरकार को घेरने की तैयारी की गई है। ग़ुलाम नबी का कहना है कि काँगेस अगले महीने से मोदी सरकार को घेरने के लिए सड़कों पर संघर्ष के लिए उतरेगी।
इस बैठक में कांग्रेस के अहमद पटेल, गुलाम नबी आजाद, रणदीप सुरजेवाला, राजीव शुक्ला, द्रमुक के टी आर बालू, राजद के मनोज झा, तृणमूल कांग्रेस के नदीमुल हक, माकपा के टीके रंगराजन, भाकपा के डी राजा, राष्ट्रीय लोक दल के अजित सिंह, लोकतांत्रिक जनता दल के शरद यादव और रालोसपा के उपेंद्र कुशवाहा भी शामिल थे। हालाँकि इस बैठक में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का एक भी सदस्य दिखाई नहीं पड़ा।
काँग्रेस पार्टी अगले महीने से सरकार को घेरने के लिए बड़े स्तर पर तैयार होकर आ रही है। काँग्रेस, बेरोज़गारी और आर्थिक मंदी के मुद्दों को जिला स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक उठाने के लिए कई रैलियों का भी आयोजन करने की तैयारी में है। इन रैलियों में राहुल गांधी, सोनिया गाँधी और प्रियंका वाड्रा के भी शामिल होने की ख़बर है।
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