कर्नाटक में जिन्दा दफनाये गए 300 कुत्ते, बेजुबानों की हत्या में जहर देने का मामला भी आया सामने

कर्नाटक के शिवमोगा जिले (Shivamogga district) के गांव रंगापुरा (Rangapura) में कुछ दिनों पहले कई कुत्तों के शव मिले थे। अब पुलिस की शुरुआती जांच में इन कुत्तों को जहर देने की बात सामने आ रही है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने संख्या का खुलासा नहीं किया है।

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सांकेतिक चित्र

कर्नाटक के शिव मोगा जिले से बहुत बड़ी खबर सामने आ रही है। बताया जा रहा है यहां पर कुछ दिन पहले कई कुत्तों के शव मिले थे। ये शव गांव रंगापुरा में मिले थे। पुलिस की शुरुआती जांच में इन कुत्तों को जहर देने की बात सामने आ रही है। हालांकि, अभी तक पुलिस ने संख्या का खुलासा नहीं किया है। यह कहा जा रहा है कि कुत्तों की संख्या 100 से ज्यादा हो सकती है। इसके अलावा इन जानवरों की मौत का कारण भी साफ नहीं है। वहीं, पुलिस ने भी जहर दिए जाने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में अधिकारियों के हवाले से बताया गया है कि जब शव मिले, तो उनकी हालत बहुत खराब हो चुकी थी। वे दरअसल चुके थे कि उनकी मौत का कारण भी पता लगाना मुश्किल हो रहा था। इतना ही नहीं वेटरनरी फॉरेंसिक एक्सपर्ट भी सड़ने के चलते मौत के वास्तविक कारणों का पता नहीं लगा सका है। शिवमोगा एनिमल रेस्क्यू क्लब के सदस्य जीएस बासव प्रसाद ने समाचार एजेंसियों को बताया है कि उन्हें गांववालों की तरफ से तीन दिन पहले कॉल आया था। प्रसाद ने ही बताया था कि जंगल इलाके में 150 से 200 कुत्तों को जिंदा दफन कर दिया गया है।उन्होंने कहा था, ‘जानकारी मिलने पर हमारी टीम वहां पहुंची।’ उन्होंने बताया, ‘हम पता चला कि इस मामले में ग्राम पंचायत अध्यक्ष, पंचायत विकास अधिकारी सभी शामिल हैं। बाद में हमें पता चला कि जिंदा दफनाए गए कुत्तों की असल संख्या 300 से ज्यादा थी।’

रिपोर्ट के अनुसार ये कहा जा रहा है कि पुलिस को शक है कि इस वीभत्स घटना में स्थानीय ग्राम पंचायत अधिकारियों का हाथ हो सकता है। भद्रावति ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज शिकायत बताती हैं कि कुछ स्थानीय रहवासियों को संदिग्ध गतिविधियों का शक हुआ था। उन्होंने जानवरों का बचाव कार्य करने वाले समूह को इस संबंध में सूचित किया। इस समूह को ही जानवरों की लाशें मिली थी। कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि पंचायत अधिकारियों ने निजी कंपनी को कुत्तों को मारने का ठेका दिया था और इस दौरान कई कुत्तों को जिंदा भी दफनाया गया है।

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