रूस की नदी में हुआ 20 हज़ार टन डीजल का रिसाव, गहराया पर्यावरण संकट

नदी को साफ करने की लागत 1.16 बिलियन यूरो तक पहुंच सकती है। रूसी पर्यावरण विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में साइबेरिया क्षेत्र में जल और मृदा संकट की आशंका जताई है। इस रिसाव से 350 वर्ग मील से ज्यादा एरिया प्रभावित है। यहाँ की अंबरनाया नदी में 20 हजार टन पेट्रोलियम उत्पाद लीक हुआ।

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प्रतीकात्मक चित्र

रूस । रूस के साइबेरिया में स्थित एक पॉवर प्लांट से 20 हजार टन डीजल के रिसाव के बाद यहाँ की अंबरनाया नदी का रंग सफेद से लाल हो गया है। रूस के राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने घटना की भयावहता को देखते हुए स्टेट इमरजेंसी की घोषणा कर दी है। भारी मात्रा में डीजल के अंबरनाया नदी में मिलने के बाद इसके सफाई के लिए रूस सरकार युद्ध स्तर पर कार्यवाही कर रही है। जिस प्लांट से तेल का रिसाव हुआ है वह साइबेरिया के नोर्लिस्क शहर में स्थित है।

रूसी विशेषज्ञ इस नदी को साफ करने के लिए युद्धस्तर पर प्रयास कर रहे हैं। कई पर्यावरण विशेषज्ञों ने दावा किया है कि इस नदी को साफ करने की लागत 1.16 बिलियन यूरो तक पहुंच सकती है। रूसी पर्यावरण विशेषज्ञों ने आने वाले दिनों में साइबेरिया क्षेत्र में जल और मृदा संकट की आशंका जताई है। इस रिसाव से 350 वर्ग मील से ज्यादा एरिया प्रभावित है। बताया जा रहा है कि प्लांट में तेल का रिसाव फ्यूल टैंक का एक पिलर धंसने से कारण शुरू हुआ था।

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यह टैंक बर्फीली कठोर जमीन पर बना हुआ था जो तापमान बढ़ने के बाद पिघलने लगी। साइबेरिया क्षेत्र में ऐसी घटना कम ही देखने को मिलती है। इस घटना को लेकर कंपनी नोर्लिस्क निकिल की तरफ से अभी तक कोई भी आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। यह कंपनी निकेल और पैलैडियम धातु का उत्पादन करने के मामले में दुनिया के शीर्ष कंपनियों में शामिल है। इस कंपनी में तेल का रिसाव शुक्रवार से ही शुरू हो गया था लेकिन पर्याप्त रोकथाम के उपाय न करने के कारण दो दिनों में लगभग 20 हजार टन डीजल बह गया।

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