लखनऊ | उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक आयोग के गठन के बाद उत्तर प्रदेश मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवगठित आयोग की पहली बैठक बुलाई। इस बैठक में सीएम योगी ने वित्त मंत्री सुरेश कुमार खन्ना की अध्यक्षता में एक समिति गठित करने का निर्देश दिया है। ये समिति जल्द ही कामगारों व श्रमिकों को सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के बारे में अपना सुझाव देने का काम करेगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आयोग का गठन कामगारों व श्रमिकों के लिए विभिन्न क्षेत्रों में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित करना है जिससे उन्हें उनकी योग्यता व क्षमता के अनुरूप काम मिल सके। उन्होंने कहा कि आयोग की बैठक हर महीने होगी। आयोग की राज्य स्तरीय कार्यकारी परिषद की बैठक हर 15 दिन में और जिला स्तरीय समिति की बैठक हर हफ्ते होगी। आयोग के इस त्रिस्तरीय ढांचे में उन्होंने हर स्तर पर नियमित मॉनीटरिंग पर जोर दिया और कहा कि इसके जरिए ही हम आयोग के उद्देश्य की पूर्ति कर सकेंगे।
उत्तर प्रदेश में अब तक 34 लाख श्रमिकों की स्किल मैपिंग की जा चुकी है और उन्हें उनकी क्षमता व योग्यता के अनुसार रोजगार के अवसर भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। विभागों के बीच कन्वर्जंस के जरिए 20 लाख श्रमिकों को रोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है। बता दें कि कामगारों और श्रमिकों को सामाजिक व आर्थिक सुरक्षा मुहैया कराने के साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश कामगार और श्रमिक (सेवायोजन एवं रोजगार) आयोग भी गठित किया है।
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उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है जिसने कामगारों और श्रमिकों के व्यापक हित में आयोग का गठन किया है। मंगलवार को इसका शासनादेश भी जारी हो गया। प्रशासकीय रूप में गठित यह आयोग एक उच्च स्तरीय संस्था होगी जिसका उद्देश्य सरकारी तथा गैर सरकारी क्षेत्र में ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर सृजित कर प्रदेश के प्रवासी और निवासी कामगारों व श्रमिकों को उनकी क्षमता के अनुरूप रोजगार मुहैया कराना है।