कुछ समय पहले मलेरिया (Malaria) की दवाई हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन (Hydroxychloroquine) कोरोनावायरस से लड़ने के लिए बेहद असरदार बताई जा रही थी। इसको लेकर पूरी दुनिया में लगातार जाँच भी की जा रही थी और भारत जैसे कई देशों में इस दवा से कोरोना के मरीजों का सफल इलाज करने का दावा भी किया गया था। इसके बाद पूरे विश्व में इस दवाई की मांग बढ़ गई थी और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने बड़े पैमाने पर इस दवा के ट्रायल को मंजूरी देने का फैसला भी किया था।
लेकिन हाल ही में ब्रिटेन की सबसे बड़ी मेडिकल मैग्ज़ीन ‘द लैंसेट’ (The Lancet) में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कोरोना के मरीजों पर यह दवा कोई काम नहीं कर रही है। रिपोर्ट के अनुसार जितने लोगों को यह दवा दी जा रही है, उनमें से अधिकतर लोगों की मौत हो रही है। इस रिपोर्ट के आधार पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कई देशों में हाइड्रोक्सीक्लोक्वीन के ट्रायल को रोक दिया है।
WHO के मुताबिक यह दवा केवल मलेरिया के इलाज में कारगर है, लेकिन कोरोना के मरीज़ो पर यह दवा कोई असर नहीं कर रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने पिछले महीने भारत से इस दवा की मांग की थी और इसको लेकर भारत पर दबाव भी बनाया था। वहीं ब्राज़ील के राष्ट्रपति बोल्सोनारो (Bolsonaro) ने भी मलेरिया की इस दवाई को कोरोना के इलाज में रामबाण करार दिया था।