खिलाड़ियों का डोपिंग के साथ विवाद काफी पुराना रहा है। डोपिंग में फंसने के बाद कई खिलाड़ियों का करियर भी बर्बाद हो चुका है। यही कारण है कि भारतीय खेलों के खिलाड़ियों को डोपिंग से मुक्त करने के लिए जमीनी स्तर पर लगातार काम किया जा रहा है। इसी कड़ी में भारतीय कुश्ती संघ ने डोप टेस्ट में फेल होने वाले 12 पहलवानों को खेलो इंडिया के पदक और प्रशस्ति पत्र लौटाने के लिए कहा है।
डोप में फंसने वाले खिलाड़ियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने के पीछे का कारण डोपिंग में फंसने वाले खिलाडियों को जागरूक करना है ताकि वह आने वाले समय में डोपिंग से दूर रहें। दैनिक जागरण की रिपोर्ट के मुताबिक डब्ल्यूएफआइ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि सरकार ने हमसे पहलवानों से पदक और प्रशस्ति पत्र लेने के लिए कहा है और यही वजह है कि हमने इन पहलवानों को यह आदेश दिया है।
नाडा की रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक कुल 12 नए खिलाड़ी डोपिंग टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए हैं। ऐसे सभी खिलाडियों को निर्देश दिए गए है कि वह 18 सितंबर तक डब्ल्यूएफआइ दफ्तर में पदक और प्रशस्ति पत्र लौटा दें। गौरतलब है कि डोपिंग टेस्ट में फंसने के मामले में कुश्ती से जुड़े पहलवानों का नाम सबसे ज्यादा शामिल रहा है। यही कारण है कि डोपिंग को रोकने के लिए भारतीय कुश्ती संघ ने ये फैसला लिया है।