दुनियाभर में जंगली जानवरों से जुड़े कई किस्से सामने आते हैं जो हैरान कर जाते हैं। ऐसे में आप सभी ने मगरमच्छ से जुड़े भी कई किस्से सुने होंगे जिनमे उन्होंने इंसानों तक के हाथ, पैर को खाया होगा। वैसे जिस मगरमच्छ के बारे में हम आपको बताने जा रहे हैं वह थोड़ा अलग है।
जी दरअसल हम बात कर रहे हैं केरल के कासरगोड स्थित अनंतपुर नाम के मंदिर के पास रहने वाले मगमच्छ की। इस मगरमच्छ का नाम बाबिया है और उसे मंदिर का पुजारी कहते हैं।
बीते गुरुवार को यह मगरमच्छ अचानक मंदिर में आ गया। ऐसा कहा जा रहा है कि पहली बार यह अनोखा दृश्य देखकर सभी के होश उड़ गए। वहीं उसके बाद पुजारी के कहने पर बाबिया तालाब में वापस भी चला गया। बाबिया कई साल से मंदिर के तालाब में रह रहा है और उसने मंदिर के गर्भगृह में पहली बार प्रवेश किया है। इस मंदिर के मुख्य पुजारी चंद्रप्रकाश नंबिसन है, जिनका कहना बाबिया मानता है और उनके कहने पर वह मंदिर के तालाब में लौट जाता है और मंदिर का प्रसाद ग्रहण करने के लिए बाहर भी आता है।
उसे हर दिन पूजा के बाद प्रसाद दिया जाता है और जब पुजारी उसे बाहर बुलाते हैं तो वह तालाब से बाहर आकर प्रसाद खाता है। मंदिर के एक कर्मचारी ने कहा कि पुजारी दिन में दो बार बाबिया को प्रसाद देते हैं। वह हर बार चावल के गोले खाता है। पुजारी का बाबिया से अनोखा कनेक्शन है। मंदिर के तालाब में ढेरों मछलियां हैं और हमें यकीन है कि बाबिया कभी उनका शिकार नहीं करता है। बाबिया पूरी तरह से शाकाहारी है। वैसे वाकई में यह अनोखी कहानी है।