लॉस एंजिल्स | अमेरिका में अफ्रीकी-अमेरिकी व्यक्ति जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद शुरू हुआ हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसके साथ ही यहाँ की जनता का ट्रंप सरकार को लेकर असंतोष भी बढ़ता ही जा रहा है। इस क्रम में रविवार को कैलिफोर्निया राज्य के गवर्नर गेविन न्यूजोम ने भी अपना गुस्सा दिखाया है। उन्होंने यहाँ तक कह दिया है कि उनका राज्य व्हाइट-हाउस द्वारा सेना को तैनात करने के किसी भी प्रयास को अस्वीकार कर देगा। दो दिन पूर्व इस मामले को लेकर व्हाइट हाउस और पेंटागन के बीच टकराव हुआ था। इसके बाद अब कैलिफोर्निया ने व्हाइट हाउस के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है।
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कैलिफोर्निया के स्थानीय राजनेताओं द्वारा पुलिस सुधार शुरू करने की इच्छा जताने के बाद पिछले सप्ताह प्रदर्शनकारियों और स्थानीय अधिकारियों के बीच तनाव में भारी कमी आई थी लेकिन इसके बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकियों और सेना उतारने के साथ शहरों में फिर से हिंसा भड़क उठी। पिछले सप्ताह कानून व्यवस्था और सामाजिक सुरक्षा को कायम करने के लिए सात हजार नेशनल गार्ड के जवानों को लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को, सैक्रामेंटो और अन्य शहरों में तैनात किया गया था।
हालांकि, यहां अधिकतर विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण ही रहा है, लेकिन कई जगहों पर पुलिस के साथ हिंसक झड़पे हुई हैं। इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने कई व्यावसायिक प्रतिष्ठानों में तोड़फोड़ भी की। हिंसक प्रदर्शन को नियंत्रित करने के लिए यहां तैनात नेशनल गार्ड के जवानों को अब शहर से रवाना कर दिया गया है। लॉस एंजिल्स के मेयर एरिक गार्सेटी ने बताया कि रविवार की शाम को नेशनल गार्ड को शहर से रवाना किया गया, लेकिन विरोध प्रदर्शन और लूटपाट को रोकने के लिए इसकी एक टुकड़ी शहर में 10 जून तक कायम रहेगी।