केन्द्रीय रेलमंत्री पीयूष गोयल की सहमति, दिल्ली में फंसे प्रवासियों की रेल से हो सकेगी वापसी

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कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन में फंसे प्रवासीयों का वापसी का रास्ता काफी हद तक साफ हो गया है। केंद्र सरकार ने दिल्ली में रह रहे प्रवासी उत्तराखंडियों को वापस लाने के लिए रेल उपलब्ध कराने को सहमति प्रदान कर दी है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल से इस संबंध में वार्ता की है। वहीं, केंद्रीय रेल मंत्री ने सहमति दी है कि दिल्ली से उत्तराखंड के लिए ट्रेन चलाने की अनुमति दी जाएगी। प्रदेश सरकार शीघ्र रेलवे बोर्ड को इस संबंध में प्रस्ताव भेजेगी। कोरोना के कारण देशभर में लगे लॉकडाउन के बीच जगह-जगह उत्तराखंड के लोग फंसे हुए हैं। इन्हें रेल के माध्यम से लाने के लिए लगातार कार्य योजना बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि उत्तराखंड के करीब 40 हजार प्रवासी दिल्ली में फंसे हैं, जो राज्य वापस आना चाहते हैं। कहा कि रेलवे बोर्ड ने पांच सौ किलोमीटर से अधिक दूरी पर ही रेल चलाने का फैसला लिया था। जबकि, बसों से इतने लोगों को लाने में लंबा समय लगेगा। जबकि, ट्रेन से एक साथ 1200 लोगों को लाया जा सकता है। इसके अलावा विभिन्न राज्यों से भी लोगों को रेल से लाने की योजना बनाई जा रही है।

इसके तहत राजस्थान, केरल, मुंबई और बैंगलुरू से लोगों को वापस लाया जाएगा। प्रदेश सरकार ने रेल से यात्रियां को लाने के लिए 50 लाख रुपये एडवांस के रूप में भी जारी कर दिए हैं। मकसद यह कि किसी यात्री से रेल से आने का किराया न लिया जाए। मुख्यमंत्री ने इसके लिए रेल मंत्री का आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्र ने राज्य सरकार को इसके लिए प्लान बनाकर देने को कहा है ताकि उसी हिसाब से रेल उपलब्ध कराई जा सके। केंद्रीय रेल मंत्री ने मुख्यमंत्री द्वारा दो स्थान पर रेल रोके जाने के अनुरोध को भी रेल मंत्री ने स्वीकार किया। सचिवालय के मीडिया सेंटर में मीडिया से मुखातिब नोडल अधिकारी शैलेश बगौली ने बताया कि प्रवासियों को लाने के लिए कई बातों का ध्यान रखना होता है। बसों की उपलब्धता के साथ ही अन्य राज्यों से बातचीत भी लोगों की वापसी की संख्या को प्रभावित कर रही हैं। शनिवार तक 1.79 लाख लोगों ने राज्य में आने के लिए पंजीकरण कराया है।

Image Source: Twitter (File Photo)

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