कोरोना संक्रमण के बढ़ते हुए मामलों के कारण देश के विभिन्न राज्यों में कब लॉकडाउन लगा दिया जाएगा किसी को भी नहीं पता है।दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके सहयोगी सत्येंद्र जैन पहले यह कहा करते थे कि लॉकडाउन किसी भी तरह से इस समस्या का हल नहीं है, लेकिन जब प्रदेश में संक्रमण के मामले तेजी के साथ बढ़ने लगे तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने तुरंत 1 हफ्ते के लॉक डाउन का ऐलान कर दिया। जैसे ही यह ऐलान आम जनता तक पहुंचा वैसे ही दिल्ली के श्रमिक मजदूर अपने घरों की ओर पलायन करने लगे। इसी तरह महाराष्ट्र और अन्य प्रदेशों में भी रहने वाले श्रमिक मजदूर अब अपने घरों को लौटने के लिए मजबूर हो गए हैं। इसे देखते हुए केंद्रीय श्रम मंत्रालय ने प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए 20 कंट्रोल रूम बनाए हैं। प्रवासी श्रमिक इन केंद्रों से संपर्क कर अपनी समस्याएं साझा कर सकते हैं।
देश में तेजी के साथ सही होकर घर लौट रहे हैं मरीज
देश में एक तरफ पूरी मीडिया लगातार यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि देश में बहुत बड़ा संकट आ चुका है कोई भी व्यक्ति इस संकट से बच नहीं पाएगा। लेकिन वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़े यह बताते हैं कि देश के लोग लगातार कोरोना को हराकर अपने घर लौट रहे हैं। अगर आंकड़ों की माने तो विभिन्न प्रदेशों में 20 अप्रैल तक 1,31,08,582 लोग अपने घर सही होकर लौट चुके हैं।
संबंधित राज्य सरकार की मदद से श्रम मंत्रालय का यह कंट्रोल रूम श्रमिकों की समस्या का निवारण कराएगा। प्रवासी श्रमिक ई-मेल, वाट्सएप या मोबाइल फोन के जरिये अपनी समस्या कंट्रोल रूम से साझा कर सकते हैं। इन स्थानों पर बनाए गए कंट्रोल रूम :
- अहमदाबाद
- अजमेर
- आसनसोल
- बेंगलुरु
- भुवनेश्वर
- चंडीगढ़
- चेन्नई
- कोच्चि
- देहरादून
- दिल्ली
- धनबाद
- गुवाहाटी
- हैदराबाद
- ज़बलपुर
- कानपुर
- कोलकाता
- मुंबई
- नागपुर
- पटना
- रायपुर