वायु गुणवत्ता को लेकर ट्रंप का भारत पर निशाना, कही बड़ी बात

साल 2018 के दिसम्बर माह में प्रकाशित हुए ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। 2017 में चार शीर्ष उत्सर्जक चीन (27 फीसदी), अमेरिका (15 फीसदी), यूरोपीय संघ (10 फीसदी) और भारत (सात फीसदी) थे।

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वॉशिंगटन | अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत, चीन और रूस पर वायु गुणवत्ता का ध्यान नहीं रखने का आरोप लगाया है। ट्रंप ने पेरिस क्लाइमेट समझौते को ‘एकतरफा, ऊर्जा बर्बाद’ करने वाला बताते हुए कहा कि वह इस समझौते से अलग हो गए जो अमेरिका को एक ‘गैर प्रतिस्पर्धी राष्ट्र’ बना देता। ट्रंप ने ऊर्जा पर अपने संबोधन में बुधवार को कहा, “इन दंडात्मक पाबंदियों को लागू करके और पाबंदियों से इतर ‘वाशिंगटन के कट्टर-वामपंथी, सनकी डेमोक्रेट्स’ असंख्य अमेरिकी नौकरियों, कारखानों, उद्योगों को चीन और प्रदूषण फैला रहे अन्य देशों को भेज देते।

हम अपने वायु प्रदूषण पर ध्यान रखें लेकिन चीन इसका ध्यान नहीं रखता। सच कहूं तो भारत अपने वायु प्रदूषण पर ध्यान नहीं रखता, रूस अपने वायु प्रदूषण पर ध्यान नहीं रखता। लेकिन हम रखते हैं। जब तक मैं राष्ट्रपति रहूंगा तब तक हम हमेशा अमेरिका को पहले रखेंगे। यह बहुत ही सीधी-सी बात है।”

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने आगे कहा, “वर्षों तक हमने दूसरे देशों को पहले रखा लेकिन अब हम अमेरिका को पहले रखेंगे। जैसा कि हमने अपने देश के शहरों में देखा कि कट्टरपंथी डेमोक्रेट्स न केवल टेक्सास के तेल उद्योग को बर्बाद करना चाहते हैं बल्कि वे हमारे देश को भी बर्बाद करना चाहते हैं। ऐसे कट्टरपंथी डेमोक्रेट्स किसी भी रूप में देश को प्यार नहीं करते। वह एकतरफा, ऊर्जा बर्बाद करने वाले पेरिस जलवायु समझौते से अलग हो गए थे। यह एक आपदा थी और अमेरिका को इसके लिए अरबों डॉलर का हर्जाना देना पड़ता”

ट्रंप ने अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा पर भी निशाना साधते हुए कहा, “पेरिस जलवायु समझौते से हम एक गैर प्रतिस्पर्धी देश बन जाते। हमने ओबामा प्रशासन की नौकरियों को कुचलने वाली ऊर्जा योजना को रद्द कर दिया।”

आपको बता दें कि, साल 2018 के दिसम्बर माह में प्रकाशित हुए ग्लोबल कार्बन प्रोजेक्ट की रिपोर्ट के अनुसार भारत दुनिया में कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन करने वाला चौथा सबसे बड़ा देश है। 2017 में चार शीर्ष उत्सर्जक चीन (27 फीसदी), अमेरिका (15 फीसदी), यूरोपीय संघ (10 फीसदी) और भारत (सात फीसदी) थे। ऐसे में अब राष्ट्रपति ट्रंप के द्वारा हवा की गुणवत्ता को खराब करने का दोष भारत पर मढ़ने से पहले खुद के भी गिरेबान में झाँक लेना चाहिए।

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