राम जन्मभूमि परिसर की जमीन को समतल करने के दौरान मिले राम मंदिर होने के पुख्ता सुबूत देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश और नक्काशीदार खंबो के अवशेष

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देशभर में जारी लॉकडाउन के चौथे फेज में कंस्ट्रक्शन में रियायत के साथ ही अयोध्या में 67 एकड़ जमीन पर राम मंदिर के निर्माण का कार्य फिर से शुरू हुआ। राम जन्मभूमि परिसर के पुराने गर्भगृह स्थल के समतलीकरण का कार्य श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की देखरेख में 11 मई से चल रहा है। इसी दौरान बुधवार को की जा रही खुदाई में मंदिर के अवशेष प्राप्त हुए हैं। यहां पर देवी-देवताओं की खंडित मूर्तियां, पुष्प कलश और नक्काशीदार खंबो के अवशेष मिले हैं। समतलीकरण के दौरान प्राप्त अवशेष से यहां राम मंदिर होने के सुबूत पुख्ता होते दिख रहे हैं।

राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने समतलीकरण कार्य की जानकारी देते हुए पुरावशेषों को भी सार्वजनिक किया गया है। समतलीकरण के कार्य में अब तक खुदाई के दौरान मंदिर के अवशेष सहित विभिन्न कलाकृतियां, आमलक व विभिन्न प्रकार के पत्थर के अतिरिक्त मेहराब के पत्थर, सात ब्लैक टच स्टोन के स्तम्भ व छह रेड सैंड स्टोन के स्तम्भ के अलावा पांच फिट आकार की नक्काशीयुक्त शिवलिंग की आकृति भी प्राप्त हुई हैं।

परिसर में राम मंदिर निर्माण के कार्यों को धीरे-धीरे गति प्रदान करने का काम अब शुरू हो गया है। हालांकि कोरोना संकट के कारण घोषित लॉकडाउन के चलते राम मंदिर का निर्माण कार्य प्रभावित रहा। मजदूरों की कमी होने के कारण अभी निर्माण कार्य की गति मंद है, लेकिन धीरे-धीरे अब काम तेजी पकड़ रहा है। चंपत राय ने बताया कि डीएम एके झा ने इस काम की मंजूरी दी है। कोरोना संक्रमण के मद्देनजर निर्माण कार्य के दौरान सुरक्षा मानकों का पूरा ध्यान रखा जा रहा है। काम के दौरान मास्क लगाना और सोशल डिस्टेसिंग का सख्ती से पालन करवाया जा रहा है।

उन्होंने यह कहा कि परिसर की पटाई और दर्शन मार्ग में लगे एंगल और बैरिकेडिंग को हटाने में तीन जेसीबी, एक क्रेन और 10 मजदूर लगाए गए हैं। इसके बाद यहां मंदिर के लिए प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का कहना है कि चरणबद्ध तरीके से काम को अंजाम दिया जा रहा है। ट्रस्ट की अगली बैठक व भूमि पूजन का निर्णय देश की परिस्थिति पर निर्भर करता है।

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