पाकिस्तान से लगातार अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों की खबर आती ही रहती है। लेकिन कुछ दिनों पहले एक ऐसी खबर आई थी जिससे भारत के हिंदुओं के मन में प्रसन्नता का भाव प्रकट हुआ। दरअसल इस्लामाबाद में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर का निर्माण शुरू हो गया था लेकिन आज यह खबर आ रही है कि इस्लामाबाद में भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को लोग बनने देना नहीं चाहते। पाकिस्तान की सत्तारूढ़ पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ की सहयोगी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग ने भगवान श्री कृष्ण के मंदिर को इस्लाम विरोधी बताया है। शनिवार को कट्टरपंथी लोगों ने मंदिर की नींव के पत्थर को ही तोड़ दिया जिसकी वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर भी की गई।
Shri Krishna temple which was about to be constructed , is demolished by local Teenage, in Islamabad.
If building a temple brings insecurity among our Muslims brthrs Faiths, we respect their faith and would want to build a temple after their faith gets stronger. #MandirTauBanega pic.twitter.com/pywcoJN15R
— Pak Hindus (@PakHindus) July 4, 2020
इमरान सरकार ने दो दिन पहले ही मुस्लिम कट्टरपंथियों के फतवे के आगे घुटने टेकते हुए मंदिर के निर्माण पर रोक लगा दी थी। इस मंदिर का निर्माण पाकिस्तान के कैपिटल डिवेलपमेंट अथॉरिटी कर रही थी। पाकिस्तान सरकार ने अब मंदिर के संबंध में इस्लामिक ऑइडियॉलजी काउंसिल से सलाह लेने का फैसला किया है। हिंदू समाज पाकिस्तान का सबसे बड़ा अल्पसंख्यक समाज है। इस्लामाबाद में हिंदूओं की आबादी लगभग 3,000 है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के कर्मचारी, कारोबारी और बड़ी संख्या में डॉक्टर शामिल हैं। आधिकारिक अनुमानों के अनुसार, पाकिस्तान में 75 लाख हिंदू रहते हैं। हालांकि, समुदाय के अनुसार, देश में हिंदुओं की आबादी 90 लाख से अधिक है।