लव जिहाद से लड़ने के लिए बनेगा कठोर कानून, यूपी और हरियाणा सरकार ने की पहल

भारत में लव जिहाद का विस्फोटक मामला कर्नाटक और केरल राज्य में साल 2009 में देखने को मिला था। केरल में तक़रीबन 45,00 हिन्दू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया था, जबकि कर्नाटक राज्य में तक़रीबन 30,000 हिन्दू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए विवश किया गया।

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लव जिहाद का मामला एक बार फिर से देश में तूल पकड़ता दिखाई दे रहा है। हरियाणा के बल्लभगढ़ में निकिता हत्यांकाड मामले के बाद लव जिहाद की चिंगारी ने आग पकड़ ली है। वैसे हरियाणा की निकिता जैसा मामला कोई नई बात नहीं है। आये दिन देश के अलग-अलग हिस्सों में लव जिहाद का मामला सुनने को मिलता रहता है। मुस्लिम समुदाय द्वारा दूसरे धर्म की लड़कियों से शादी के नाम पर धर्म परिवर्तन करने का दबाव बनाना कोई नई बात नही है। लेकिन अब सरकारें भी इस लव जिहाद के आकाओं से निपटने के लिये तैयार दिख रही है।

पहल की है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने। सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने तो खुला ऐलान किया है कि जो लोग नाम बदलकर शादी करेंगे, उनका राम नाम सत्य हो जाएगा। योगी का कहना है कि लव जिहाद करने वालों से सरकार सख़्ती से निपटेगी और जल्द ही इसके विरुद्ध सख्त कानून लाया जाएगा। उत्तर प्रदेश सरकार के साथ ही हरियाणा की खट्टर सरकार भी लव जिहाद के विरूद्ध एक्शन में दिख रही है। हरियाणा सरकार भी जल्द ही लव जिहाद के खिलाफ एक कानून बनाने पर विचार कर रही है।

यूपी और हरियाणा सरकार का ये कदम बताता है कि देश में लव जिहाद का मुद्दा कितना गम्भीर हो चुका है। अभी कुछ समय पहले तक इसे सिर्फ एक धर्म विशेष के विरुद्ध गलत दुष्प्रचार करने का जरिया ही माना जाता था। लेकिन अब देश के अलग-अलग हिस्सों में इसके बढ़ते मामलों ने लव जिहाद की हकीकत को सामने ला दिया है और सरकार को इसके विरुद्ध कठोर कानून बनाने पर मजबूर कर दिया है।

भारत में नया नही है लव जिहाद का मामला

भारत में लव जिहाद का विस्फोटक मामला कर्नाटक और केरल राज्य में साल 2009 में देखने को मिला था। केरल में तक़रीबन 45,00 हिन्दू लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया था, जबकि कर्नाटक राज्य में तक़रीबन 30,000 हिन्दू लड़कियों को लव जिहाद में फंसाकर जबरन धर्म परिवर्तन के लिए विवश किया गया। ये मामले ना तो छोटे थे और ना ही पहली बार हुए थे। देश में लव जिहाद का जहर काफी सालों से फैला हुआ है। साल 2014 में केरल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने खुद बताया कि साल 2006 से लेकर 2014 तक अकेले केरल राज्य में 2667 हिन्दू लड़कियों ने अपना धर्म परिवर्तन किया है।

इसके बाद अक्सर देश में लव जिहाद के मामले सुनने को आते रहते हैं। यहाँ तक कि इस लव जिहाद के मामले में कई बार तो जिहादी कत्ल और हिंसा करने में भी पीछे नहीं रहते हैं। जैसा कि हाल ही में हरियाणा की निकिता के साथ देखने को मिला है। लव जिहाद के लिए सिर्फ हिन्दू धर्म की लड़कियों को ही टारगेट नहीं बनाया जाता है, बल्कि सिख और कई बार तो क्रिश्चियन धर्म की भी महिलाओं को इस्लामिक जिहादियों द्वारा शिकार बनाया जाता है। समझ नहीं आता दुनिया भर में आतंकवाद की परिभाषा बन चुका इस्लाम धर्म अपने दामन में लव जिहाद के जहर का दाग लगाकर क्या साबित करना चाहता है?

सिर्फ़ हिन्दू ही नहीं ईसाई धर्म ने भी माना – जहर है लव जिहाद

देश में लव जिहाद के सबसे ज्यादा मामलें केरल राज्य में देखने को मिलते हैं। लेकिन अब वहाँ पर इसके विरुद्ध आवाज उठनी भी शुरू हो गयी है। हिन्दू समाज के साथ ही अन्य सभी धर्मों ने भी लव जिहाद के विरुद्ध अपने सुर ऊंचे कर दिए हैं। अब ईसाई धर्म के लोग भी लव-जिहाद से इस हद तक परेशान हो चुके हैं कि राज्य के पादरियों को सामने आकर राज्य सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की गुहार लगानी पड़ रही है। अब राज्य के ईसाई कैथोलिक समुदाय की उच्च संस्था केरल कैथोलिक बिशप कौंसिल ने कहा है कि, “राज्य में लव जिहाद की समस्या वास्तविक है, और देश की तथाकथित धर्मनिरपेक्ष राजनीतिक पार्टियों को यह बात स्वीकार करनी चाहिए।”

केरल कैथोलिक बिशप कौंसिल के डिप्टी जनरल केरल राज्य की ‘सेक्युलर’ पार्टियों पर धावा बोलते हुए कहा कि इन्हें यह स्वीकारना होगा कि लव जिहाद एक सच्चाई है। कौंसिल ने साथ में यह भी कहा कि ईसाई लड़कियों को फंसाकर ISIS के जाल में धकेला जा रहा है। कौंसिल के अधिकारी ने अपने बयान में कहा, “समाज में एक तरह के लोग लगातार कट्टर होते जा रहे हैं, और उनके अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों से संबंध हैं। केरल की सेक्युलर पार्टियां इसे मानने को ही तैयार नहीं हैं। लगातार घटनाएँ बढ़ती जा रही हैं लेकिन मुख्यधारा की कोई पार्टी इसे मानती ही नहीं है।”

एकजुट होकर लड़ना है लव जिहाद से

केरल कैथोलिक बिशप कौंसिल का ये बयान बताता है कि देश में लव जिहाद का जहर किस कद्र खतरनाक साबित हो सकता है। प्रेम जैसे पवित्र रिश्ते को मजबूर कर के धर्म और आतंकवाद में शामिल करना आखिर कहाँ की मानवता है? लव जिहाद सिर्फ़ हिन्दू धर्म ही नहीं बल्कि इस्लाम छोड़कर बाकी के सभी धर्मों के लिये जहर समान है। इसे ख़त्म करने के लिये सिर्फ़ सरकार के कठोर कानून बनाने से काम नहीं होगा। बल्कि हर धर्म के लोगों को एक जुट होकर इस्लाम धर्म की इस कट्टर मानसिकता के विरुद्ध आवाज उठाना होगा। वरना आतंक के मसीहों के लिए ये आतंकवाद फैलाने का एक बड़ा जरिया बन सकता है।

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