कोरोना कि दवाई को लेकर एक तरफ बाबा रामदेव सवालों के घेरे में घिरते जा रहे हैं वही दूसरी ओर इसके खिलाफ उतराखंड सरकार ने पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड को नोटिस जारी कर दिया है। इसके साथ ही राजस्थान के चिकित्सा और स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने बाबा रामदेव के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है। डॉ रघु शर्मा ने कहा, “इस तरह के प्रयोग करना अपराध की श्रेणी में आता है। इन लोगों को अपराध के दायरे में शामिल करते हुए इनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए।”
शर्मा ने कहा कि अगर राजस्थान में कहीं दवाई बिकती नजर आई, उसी दिन बाबा रामदेव जेल में होगा। राजस्थान में पतंजलि आयुर्वेद के खिलाफ कई परिवाद भी दर्ज हुये हैं। वहीं बिहार के मुजफ्फरपुर की कोर्ट में भी रामदेव और पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण के खिलाफ याचिका दायर की गयी है। बाबा रामदेव की कोरोना की दवा के सवाल पर मंत्री रघु शर्मा ने आगे कहा, “मुझसे कोई स्वीकृति नहीं ली गई।
अभी आयुष मंत्रालय ने 21 अप्रैल 2020 को गजट नोटिफिकेशन के जरिए एक अधिसूचना जारी की है। ड्रग और कॉस्मेटिक एक्ट के तहत उन्होंने 9 पॉइंट दिए हैं। कोई भी अगर क्लीनिकल ट्रायल करना चाहता है तो उसे एडवाजरी कमेटी के मुताबिक या आईसीएमआर की गाइडलाइन को फॉलो करते हुए करना चाहिए। इसमें कई पॉइंट्स जारी किए गए हैं। मुझे नहीं लगता कि किसी स्वीकृति के बाद ये क्लीनिकल ट्रायल हुआ है। न भारत सरकार और न ही राज्य सरकार, जो पूरी तरह से गैरकानूनी है। ये कोई मार्केटिंग करने का टाइम नहीं है।”
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