राम नेपाली थे इसे सिद्ध करने के लिए थोरी में होगी खुदाई, प्रधानमंत्री ओली का नया फरमान

नेपाल के प्रधानमंत्री पहले ही कह चुके हैं कि भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल में हुआ था, भारत में नहीं। इसी बात को सिद्ध करने के लिये नेपाल के प्रधानमंत्री ने नेपाल में स्थित थोरी जगह पर खुदाई करने के आदेश दे दिए हैं।

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नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने इस बार एक नया फरमान जारी किया है। जिसके अनुसार नेपाल में स्थित थोरी नामक स्थान पर खुदाई की जाएगी और यह सिद्ध किया जाएगा कि भगवान श्रीराम का जन्म भारत में नहीं बल्कि नेपाल में हुआ था। उनका मानना है कि केवल माता सीता का ही जन्म नेपाल में नहीं हुआ था बल्कि प्रभु श्री राम जी भी नेपाली थे। कुछ दिनों पहले उन्होंने थोरी नामक स्थान पर भगवान श्रीराम का जन्म स्थान बताया था। जिस पर उनका खूब मजाक उड़ाया गया था।

प्रधानमंत्री ओली के बयान पर नेपाल का आर्कियोलॉजी डिपार्टमेंट तैयार हो चुका है। कई दूसरे मंत्रालय से चर्चा के बाद प्रधानमंत्री ने यह निर्देश दिए हैं कि नेपाल में स्थित थोरी की खुदाई कर यह बात सिद्ध की जाए की असली अयोध्या नेपाल में है, भारत में नहीं और भगवान श्रीराम का जन्म नेपाल में हुआ था। डिपार्टमेंट के बहुत सारे लोग कहते हैं, “हमारे पास यह सबूत नहीं है कि भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था क्योंकि प्रधानमंत्री ओली का आदेश है इसीलिए हमें यह काम तो करना ही होगा।”

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वास्तव में भगवान राम के जन्म के प्रमाण रामचरितमानस, महाभारत, वाल्मीकि कृत रामायण और स्कंद पुराण में वर्णित हैं। वाल्मीकि रामायण में अंकित बालकांड के आठवें श्लोक से 12वें श्लोक तक भगवान श्री राम के जन्म का वर्णन है। इसी बालकांड के 10वें श्लोक को सुप्रीम कोर्ट ने रिफरेंस के तौर पर भी लिया था। वाल्मीकि कृत रामायण के श्लोक में कहा गया है कि भगवान श्रीराम का जन्म उस अयोध्या में हुआ था जो सरयू नदी के किनारे बसी है। आम जनमानस से लेकर भारत की सबसे बड़ी कोर्ट सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि अयोध्या में ही भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था।

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