राजस्थान सरकार ने छिपाए कोरोना से होने वाली मौतों के असल आंकड़े, गहलोत सरकार पर बढ़ा दबाव

राजस्थान की गहलोत सरकार पर राज्य में कोरोना के चलते हुई मौतों के गलत आंकड़े पेश करने का आरोप है। सरकार ने जो आंकड़े पेश किए है, वह हकीकत से काफी अलग है।

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चित्र साभार: ट्विटर @ahokrgehlot51

कोरोना महामारी ने राज्य सरकारों की व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है। कुछ राज्य लगातार मौतों के आंकड़े छिपा कर जनता को गुमराह कर रहें है। अगर बात राजस्थान की करें तो भले ही प्रदेश कोरोना की जंग जीतने की ओर लगातार आगे बढ़ रहा हो लेकिन राजस्थान सरकार की ओर से जारी किए गए कोरोना के आंकडो पर कई तरह के सवाल खड़े हो रहें है।

ऐसा हम नहीं कह रहे बल्कि आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे है। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक राजस्थान की गहलोत सरकार ने कोरोना के जो आंकड़े पेश किए है, वह जमीनी हकीकत से काफी अलग है। सरकारी आंकड़ों की माने तो 1 अप्रैल से 20 मई तक 25 ग्रामीण जिलों में काेरोना से 3 हजार 918 मौतें मानी हैं, लेकिन उन्हीं जिलों के सिर्फ 512 गांवों-ब्लॉक में इसी समय में 14,482 अंतिम संस्कार हुए हैं।

राजस्थान में फिलहाल 9.2 लाख एक्टिव केस है जिसमे अभी तक 7,806 लोग इस बीमारी के चलते अपनी जान गवां चुकें है। लेकिन ग्रामीण इलाकों की हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इसका एक कारण ये भी है कि गांव में कोराेना प्रोटोकॉल से अंतिम संस्कार नहीं हो रहे, लेकिन इनमें ज्यादातर लोग कोरोना के ही मरीज थे। इस तरह के अंतर राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़े कर रहे हैं। सवाल बनता है कि आखिर आंकड़ों के इस खेल में लोगों से झूठ? आखिर क्यों गलत आंकड़ें पेश किए जा रहे हैं?

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