लंदन में प्रदर्शनकारी महात्मा गांधी और विंस्टन चर्चिल की प्रतिमाओं को बना रहें है निशाना

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सांकेतिक चित्र

अमेरिका में अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की 25 मई को पुलिस हिरासत में मौत होने के बाद से दुनिया भर में प्रदर्शन हो रहे हैं जो अब शांत होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। इस दौरान लंदन के पार्लियामेंट स्क्वॉयर में स्थित महात्मा गांधी और विंस्टन चर्चिल की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। जिसके चलते कुछ दिन पहले विंस्टन चर्चिल के साथ ही महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) की प्रतिमा की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी। हालांकि अब सुरक्षा के मद्देनजर लंदन कार्यालय के मेयर द्वारा महात्मा गांधी, नेल्सन मंडेला और विंस्टन चर्चिल की प्रतिमाओं को हटाया जा रहा है।

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गौरतलब है ‘लिसेस्टर सिटी काउंसिल’ शहर में सभी सड़क के नाम, मूर्तियों और स्मारकों की फिर से समीक्षा कर रही है। इस दौरान महात्मा गांधी की प्रतिमा हटाने की याचिका पर 5,000 से अधिक हस्ताक्षर प्राप्त किए गए थे। इस पर एक चैरिटी के द्वारा लिसेस्टर में प्रतिमा के चारों ओर सर्कल में खड़े होकर और सफेद रिबन बांधकर प्रतिरोध जताया गया था। वहीं, भारतीय मूल के नागरिकों ने भी जनरल हैवलॉक और जनरल क्लाइव की प्रतिमा को सेंट्रल लंदन से हटाने की मांग की थी।

इस बीच, ब्रिटेन में आगामी प्रदर्शन के दौरान महात्मा गांधी और चर्चिल की प्रतिमाओं को नस्लवादी लिखकर विकृत किया गया था तथा प्रदर्शनकारियों ने ब्रिस्टल में एडवर्ड कॉलस्टन की प्रतिमा को भी गिरा दिया था। महात्मा गांधी की प्रतिमा 2015 में लंदन के पार्लियामेंट स्क्वायर पर लगाई गई थी। इस प्रतिमा का अनावरण ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन और तत्कालीन भारतीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने किया था। गांधी पहले भारतीय और किसी भी पद पर न रहने वाले ऐसे पहले व्यक्ति हैं जिनकी मूर्ति यहां लगाई गई है।

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गौरतलब है की कॉलस्टन रॉयल एक अफ्रीकन कंपनी के सदस्य थे जो 80,000 लोगों को अफ्रीका से अमेरिका ले गए थे। इस घटना को ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने शर्मनाक बताते हुए लंदन में प्रदर्शन के दौरान भीड़ के बर्ताव पर भी सख्त आपत्ति जताई थी। इस प्रदर्शन के दौरान करीब 60 से ज्यादा पुलिसकर्मी घायल हो गए। वहीं, इस मुद्दे पर लेबर पार्टी की सांसद फ्लोरेंस एशालोमी ने भारतीय मूल की गृहमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा था कि उनमें नस्लवाद के मुद्दे पर समझ की कमी है।

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