आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी ने पंडित दीनदयाल पैट्रोलियम विश्वविद्यालय के आठवें दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। उन्होंने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस दीक्षांत समारोह में कई प्रमुख बातें कहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “मुझे यह देखकर खुशी होती है कि यह विश्वविद्यालय आज पूरे विश्व में अपनी पहचान बना रहा है… मैं आज यहां एक मुख्य अतिथि के रूप में नहीं बल्कि विश्व विद्यालय परिवार के सदस्य के रूप में आया हुँ!.. एक समय था जब लोग सवाल उठाते थे कि इस तरह की यूनिवर्सिटी कितना आगे बढ़ पाएगी, लेकिन यहां के विद्यार्थियों ने, प्रोफेसर और यहां से निकले प्रोफेशनल्स ने इस सवाल का सटीक उत्तर दे दिया है…”
उन्होंने यह भी कहा, ” आज आप ऐसे समय में इंडस्ट्री में कदम रख रहे हैं… जब पेंडामिक के चलते पूरी दुनिया के एनर्जी सेक्टर में बड़े बदलाव हो रहे हैं। ऐसे में आज भारत में एनर्जी सेक्टर में ग्रोथ की एंट्रेंप्रेनेरशिप की एंप्लॉयमेंट की असीम संभावना हैं। ”
प्रधानमंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, “ऐसा नहीं है कि आप अपने जीवन में पहली बार किसी कठिनाई का सामना कर रहे होंगे। ऐसा भी नहीं है कि यह चुनौती भी आखिरी होगी। ऐसा नहीं है कि सफल व्यक्तियों के पास समस्याएं नहीं होती लेकिन जो चुनौतियों को स्वीकार करता है उनका मुकाबला करता है उनका समाधान करता है वह सफल होता है।”
जब पूरी दुनिया इतने बड़े संकट से जूझ रही है, ऐसे समय में ग्रेजुएट होना आसान बात नहीं है।
लेकिन आपकी ताकत और क्षमताएं इन चुनौतियों से कहीं ज्यादा बड़ी हैं। इस विश्वास को कभी खोना मत।
Problems क्या हैं, इससे ज्यादा महत्वपूर्ण यह है कि आपका Purpose, Preferences और Plan क्या हैं? pic.twitter.com/ErjUAheKms
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
मंत्री मोदी ने इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि 1920 में युवा क्या चाहते थे? उनकी महत्वाकांक्षा क्या थी? सभी ने केवल स्वतंत्रता का सपना देखा और अपने सपनों को दांव पर लगा दिया। 1920 1947 के बीच के युवाओं ने अपने राष्ट्र के लिए अपना सर्वस्व दाव पर लगा दिया। आपके मन में भी आता होगा कि काश मेरा जन्म 1920 1947 के कालखंड में होता तो मैं भी भगत सिंह बन कर चल पड़ा होता,हम उस दौर में नहीं है लेकिन आज भी मातृभूमि की सेवा का अवसर वैसा ही है। हम आज आत्मनिर्भर भारत के लिए जी कर दिखा सकते हैं। ”
देश के नौजवान सौ साल पहले के उस कालखंड को याद करें। 1920 में जो आपकी उम्र का था, उसके सपने क्या थे, जज्बा क्या था?
आज भी मातृभूमि की सेवा का अवसर वैसा ही है। अगर उस समय नौजवानों ने अपनी जवानी आजादी के लिए खपाई, तो आज के युवाओं के सामने आत्मनिर्भर भारत का लक्ष्य है। pic.twitter.com/UWq0bWwvFj
— Narendra Modi (@narendramodi) November 21, 2020
प्रधानमंत्री मोदी ने युवाओं को संबोधित करते हुए यह भी कहा, इच्छाओं के अंबार से संकल्प की शक्ति अपरंपार होती है…करने के लिए बहुत कुछ है देश के लिए पाने को बहुत कुछ है पर आपके लक्ष्य टुकड़ों में विखरे रहे नहीं होने चाहिए। आप कमिटमेंट के साथ आगे बढ़ेंगे तो अपने भीतर की ऊर्जा का भंडार महसूस करेंगे।”
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