पुरानी खोखली परम्पराओं को बदलने वाले लोगों में प्रधानमंत्री मोदी का नाम सबसे पहले लिया जाता है। पिछले 7 सालों के कार्यकाल में मोदी सरकार ने उन मुद्दों को हल करने की कोशिश की जिन्हें अन्य नेता छूना भी नहीं चाहते थे। चाहे वह तीन तलाक के मामले पर क़ानून बनाना हो या फिर जम्मू कश्मीर से धारा 370 को हटाने का मामला हो। उनका यही स्वभाव नई कैबिनेट के विस्तार में भी देखा जा रहा है। इस विस्तार की सबसे खास बात ये है कि इसमें 24 प्रोफेशनल्स को पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट का हिस्सा बनाया है। पीएम मोदी की कैबिनेट में कुल 11 महिला मंत्री हैं। पीएम मोदी के मंत्रिमंडल में अब 13 वकील, छह डॉक्टर, पांच इंजीनियर और तीन पूर्व ब्यूरोक्रेट्स शामिल हैं। इसके साथ मंत्रिमंडल में ब्यूरोक्रेटस की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। पूर्व आईएएस आरके सिंह और वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी एस जयशंकर पहले से ही पीएम मोदी की कैबिनेट का हिस्सा बने हुए हैं।
ओडिशा कैडर के अश्विनी वैष्णव 1994 बैच के आईएस अधिकारी हैं। तथा उन्हें पूर्व पीएम अटल बिहारी वाजपेयी के निजी सचिव बनने का भी मौका मिला था। कहा जाता है कि पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के पीछे उनकी ही प्लानिंग थी। इसी तरह से जेडीयू के रामचंद्र प्रसाद सिंह जो एक राज्य सभा सांसद और पूर्व ब्यूरोक्रेट रह चुके हैं। वे बिहार में मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सेक्रेट्री रह चुके हैं जिससे उनके अनुभव का पूरा फायदा प्रधानमंत्री मोदी आने वाली योजनाओं में ले सकते हैं। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम नारायण राणे भी एक ब्यूरोक्रेट ही थे। महाराष्ट्र के आयकर विभाग में वो अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
मोदी कैबिनेट में शामिल भूपेंद्र यादव, मिनाक्षी लेखी, एल मुरुगन अधिवक्ता हैं जिन्हें क़ानून की अच्छी खासी समझ भी है। राजीव चंद्रशेखर, मुंजापारा महेंद्रभाई, सुभाष सरकार तथा भारती पवार ये सभी लम्बे अनुभव के साथ प्रधानमंत्री की कैबिनेट में शामिल हुए हैं।
बिशेश्वर टूडु ओडिशा के वाटर रिसोर्सिज डिपार्टमेंट में सीनियर इंजीनियर थे। चौहान देबूसिंह ऑल इंडिया रेडियो में बतौर इंजीनियर काम कर चुके हैं। मणिपुर से सांसद राजकुमार रंजन भूगोल के प्रोफेसर थे। इसी तरह से कूच बिहार के सांसद निशिठ प्रमाणिक ने प्राइमरी स्कूल में अध्यापक की भूमिका निभाई है। ज्योर्तिरादित्य सिंधिया जो कि MBA कर चुकें हैं उनका नाम भी प्रोफेशनल्स की सूची में ही शामिल होता है। उन्हें उनके पिता की तरह ही उड्डयन मंत्रालय सौंपा गया है।