नई दिल्ली | कोरोना लॉकडाउन के चलते देश के विभिन्न हिस्सों में फंसे प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटकों के लिए एक अच्छी खबर है। भारत सरकार ने राज्यों/केन्द्र शासित राज्यों के क्षेत्रों में फंसे हुए लोगों को निकालने के लिए अंतरराज्यीय यात्रा की सुविधा के लिए आदेश जारी कर दिये हैं। गृह मंत्रालय के इस नए आदेश के अनुसार, सभी व्यक्तियों को चिकित्सकीय रूप से जांचा जाए और घर पहुंचाने से पहले उन्हें क्वरंटाइन किया जाएगा। सरकार की तरफ से ये गाइडलाइंस ऐसे वक्त पर आई है जब दूसरी बार बढ़ाए गए लॉकडाउन की अवधि 3 मई को खत्म होने जा रही है। लेकिन देश के कई हिस्सों से अभी भी कोरोना वायरस संक्रमण के नए मामले लगातार सामने आ रहे हैं।
गृह मंत्रालय के आदेशानुसार-
1. सभी राज्य और केन्द्र शासित राज्य नोडल अधिकारी की नियुक्ति करेगें जो सभी दिशा-निर्देशों का पालन करें। साथ ही राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों में पहुंचने वाले लोगों का पूरा ब्यौरा भी रखा जाएगा।
2. किसी भी व्यक्ति को भेजने से पहले उसकी स्क्रीनिंग की जाए और अगर वह पूरी तरह ठीक पाया जाए तो ही उसे भेजने की मंजूरी दी जाए।
3. प्रवासी मजदूरों, यात्रियों और छात्रों को समूह में सिर्फ बस से ही भेजा जाए। भेजने से पहले बस सेनेटाइजेशन कराया जाए। इतना ही नहीं यात्रा के समय सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए।
4. जब कोई शख्स अपने गंतव्य तक पहुंच जाएगा तो स्थानीय स्वास्थ्य विभाग की यह जिम्मेदारी है कि उसे होम क्वारंटाइन में रखे। इस दौरान उसके हेल्थ चेकअप किए जाए। उस व्यक्ति को अरोग्य सेतु एप का इस्तेमाल करने के उत्साहित किया जाए ताकि उसके हेल्थ स्टेटस पर नजर बनाई रखे जा सके और साथ ही उसे ट्रैक भी किया जा सके।
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