मुख्य कलाकार: संजय दत्त, अर्जुन कपूर और क्रीति सेनन
निर्देशक: आशुतोष गोवारिकर
भारत में लंबे समय से पीरियड ड्रामा फिल्में बनती आ रही हैं और दर्शक भी ऐसी फिल्मों को काफी पसंद करते हैं। जोधा अकबर के बाद एक बार फिर आशुतोष गोवारिकर ने पीरियड फिल्म में अपने हाथ आज़माने की कोशिश की और इसमें उन्हें काफी हद तक सफलता भी मिली है। अर्जुन कपूर, संजय दत्त और क्रीति सेनन स्टारर फिल्म ‘पानीपत’ इस शुक्रवार बड़े पर्दे पर रिलीज़ हो गई है। फिल्म में सबसे ज्यादा तारीफ संजय दत्त के किरदार की हो रही है, जो अफगान के शहंशाह अहमाद शाह अब्दाली के रोल में नज़र आ रहे हैं।
कहानी
फिल्म की पूरी कहानी 1761 में हुए पानीपत के तीसरे युद्ध पर आधारित है। यह युद्ध अफगानी सेना और मराठाओं के बीच हुआ था। हालांकि इस युद्ध में मराठाओं को हार का सामना करना पड़ा था, इसके बावजूद इस युद्ध में हमें मराठाओं की वीरता और शौर्य की गाथा देखने को मिलती है। अफगान का राजा दिल्ली सल्तनत पर कब्जा करना चाहता था, लेकिन इसके लिए उन्हें मराठाओं को जीतना जरूरी था। उस दौर में मराठा आधे से ज्यादा हिंदूस्तान में अपने पराक्रम का वर्चस्व दिखा चुके थे। अहमद शाह अब्दाली अपने 1 लाख सैनिकों को लेकर आक्रमण के लिए आ जाता है लेकिन मराठा सेना उन्हें पानीपत में ही रोक देती है और उसके बाद दोनों सेनाओं के बीच भयंकर युद्ध शुरू हो जाता है। कहा जाता है कि इस युद्ध में इतना खुन-खराबा हुआ था कि कई साल तक पानीपत की मिट्टी का रंग लाल हो गया था।
निर्देशन
सिनेमाघर में बैठकर जब आप यह फिल्म देख रहे होंगे तो आपको ऐसा प्रतीत होगा मानो साक्षात अपनी आँखों के सामने आप 18वीं सदी के दृश्य देख रहे हों। फिल्म के सेट और सिनेमाटोग्राफी की जितनी तारीफ की जाए कम है। फिल्म के छोटे से छोटे किरदार पर भी निर्देशक आशुतोष गोवारिकर ने बहुत बारीकी से ध्यान दिया है। हालांकि कुछ सीन्स थोड़े लंबे दिखाई देते हैं जहां एडिटिंग टीम को ध्यान देना चाहिए था। बाकी बैकग्राउंड म्यूज़िक और सॉन्ग्स की तारीफ भी की जा सकती है।
एक्टिंग
फिल्म देखने के बाद आप संजय दत्त की प्रशंसा किए बगैर नहीं रह पाएंगे। अहमद शाह अब्दाली का करैक्टर पूरी फिल्म इंडस्ट्री में उनसे बेहतर कोई नहीं निभा सकता था। उनका खुंखार लुक देख यही लगता है जैसे अहमद शाह अब्दाली फिर से जीवित होकर अपना किरदार खुद निभा रहा हो। इसके अलावा अर्जुन कपूर ने भी अपनी एक्टिंग में काफी ध्यान दिया है, लेकिन अपनी अलग छाप छोड़ने में कामयाब नहीं हो पाए है। क्रीति सेनन को अभी तक सभी फिल्मों में केवल रोमांस और हल्की-फुल्की कॉमेड़ी के लिए स्क्रीन पर जगह दी जाती थी। लेकिन इस फिल्म में उनका किरदार बेहद संवेदनशील है। मराठी वेशभूषा में वह काफ़ी सुंदर लग रही हैं।
क्या है फिल्म की खासियत
फिल्म की सबसे बड़ी खासियत इसके भव्य दरबार हैं। अभी तक यदि आप भव्यता के मामले में पद्मावत और बाजीवार मस्तानी जैसी फिल्मों की बात करते आए हैं तो यह फिल्म देखने के बाद आपको उन फिल्मों की भव्यता भी फीकी लगने लगेगी। पीरियड फिल्म होने के कारण इसके कई डायलोग्स मराठी भाषा में हैं, जो लोगों को थोड़ा परेशान कर रहे हैं। अगर पीरियड फिल्म देखने का शौक रखते हैं और संजय दत्त को अब तक के बेस्ट किरदार में देखना चाहते हैं तो इस वीकेंड अपने दोस्तों और फैमिली के साथ यह फिल्म देखने का प्लान बना सकते हैं।
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