पाकिस्तान ने सिखों की भावनाओं से किया खिलवाड़, गैर सिखों के हाथों में गई करतारपुर साहिब गुरूद्वारे की कमान

सिखों की श्रद्धा का प्रतीक करतारपुर साहिब गुरुद्वारे का कंट्रोल अब पाकिस्तान ने मुस्लिम कमेटी के हाथों में दे दिया है और इस कमेटी में एक भी सिख नहीं है।

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करतारपुर साहिब गुरुद्वारे के कंट्रोल पर अब पाकिस्तान ने दोहरा चरित्र अख्तियार किया है। सिख धर्म के पवित्र धार्मिक स्थल करतारपुर साहिब को पाकिस्तान ने अपने कंट्रोल में ले लिया है। पाकिस्तान ने इसका प्रबंधन SGPC से छीन कर ETPB नाम की मुस्लिम कमेटी को सौंप दिया है। पिछले साल नवंबर में करतारपुर कॉरिडोर का उद्घाटन करते हुए पाकिस्तान के वजीरे आजम इमरान खान ने खुद को दुनिया का सबसे दरियादिल शख्स साबित करने की कोशिश की थी। लेकिन कुछ समय पश्चात ही उनका दोहरा चरित्र पूरी दुनिया के सामने आ चुका है। जानकारी के अनुसार प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट का सीईओ मोहम्मद तारिक खान को बनाया गया है। पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी किए गए इस नए आदेश में बिजनेस प्लान का भी जिक्र किया गया है। इमरान खान सरकार अब गुरुद्वारे से भी पैसे कमाने की कोशिश कर रही है।

करतारपुर गुरुद्वारे का प्रबंधन सिख समुदाय से छीन कर मुस्लिम कमेटी को देने वाला यह फैसला निश्चित रूप से सिखों के लिए बेहद निराशाजनक है और इससे यह बात पता चल चुकी है किस तरह से पाकिस्तान में केवल एक धर्म विशेष को सम्मान मिलता है? बाकी धर्मों का पाकिस्तान में कोई सम्मान नहीं है। देश और दुनिया के लाखों सिख श्रद्धालु इस गुरुद्वारे में आते हैं और प्रत्येक व्यक्ति के मन में इस गुरुद्वारे के प्रति बहुत श्रद्धा है। पाकिस्तान ने सिखों को धोखा इसलिए दिया है क्योंकि इस कमेटी में एक भी सिख नहीं है। क्या आप यह सोच सकते हैं कि किसी मंदिर की कमेटी में एक भी हिंदू ना हो? क्या भारत में कभी आपने ऐसा देखा है कि किसी मस्जिद या मदरसे की कमेटी में एक भी मुस्लिम व्यक्ति ना हो? ठीक है इसी प्रकार करतारपुर कॉरिडोर का नेतृत्व सिखों से छीनना स्वीकार्य नहीं है।

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