नई दिल्ली | कोरोना पर चर्चा को लेकर जो पहल भारत ने शुरू की उसमें पाकिस्तान की तऱफ से वहाँ के प्रधानमंत्री इमरान खान के बजाय जफर मिर्जा शामिल हुए। इस अतिविशेष चर्चा में पाकिस्तान की तरफ़ से सिर्फ पीएम के विशेष सहायक जफर मिर्जा ही शामिल हुए। यहाँ तक कि पाकिस्तान के स्वास्थ्य मंत्री ने भी इस बैठक में शामिल होने की जरूरत महसूस नहीं की।इस वार्ता में जफर ने एक बार फिर से जम्मू-कश्मीर का राग भी अलापा और कोरोना के मद्देनजर विशेष ध्यान देने और वहां लगी पाबंदियों को हटाने की बात कही। लेकिन शायद कश्मीर की बात करते समय वो ये भूल गए कि जम्मू-कश्मीर में अब किसी तरह की कोई पाबंदी नहीं लगी हुई है।
हैरान करने वाली बात ये है कि पाकिस्तान की तरफ से इस वार्ता में कोरोना वायरस के प्रकोप से सभी सार्क देशों को बचाने के उपाय के बाबत कुछ नहीं कहा गया। वहीं पाकिस्तान के सबसे मुख्य अखबार डॉन ने लिखा है कि पाकिस्तान कोरोना से लड़ने के लिए तैयार नहीं है। इतना ही नहीं, इसमें ये भी कहा गया है कि कोरोना को लेकर पाकिस्तान में हर जगह खौफ छाया हुआ है। इसमें ये भी कहा गया है कि यदि सरकार इससे निपटने में नाकाम रही तो हालात बेहद बुरे होंगे और जरूरी चीजों के दामों में दस फीसद तक इजाफा हो जाएगा। ये बुरे दौरे में गुजर रही वहां की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा नहीं होगा।