पैरालंपिक खेलों में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला खिलाड़ी और देश का सबसे बड़ा सम्मान खेल रत्न पाने वाली दीपा मलिक (Deepa Malik)ने सन्यास की घोषणा कर दी है। दीपा ने बताया कि उन्होंने इसका फैसला 2020 की शुरुआत में भारतीय पैरालंपिक समिति का अध्यक्ष बनने के साथ ही कर लिया था। सन्यास की घोषणा के साथ ही अब दीपा पैरालंपिक समिति का कार्यभार ही संभालेंगी। नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक दीपा ने कहा कि – ‘किसने कहा मैंने आज सन्यास की घोषणा की है? नामांकन पत्र दाखिल करने के साथ ही पिछले साल सितंबर में मैंने सन्यास लेने का फैसला कर लिया था।’
दीपा ने आगे कहा ‘मैंने सन्यास से सम्बंधित पत्र पिछले साल पीसीआई को सौंप दिया था। तब चुनाव की प्रक्रिया शुरू ही हुई थी। इसी के बाद मैं पीसीआई का अध्यक्ष बनने की चुनौती पेश कर पाई थी। अध्यक्ष बनने के लिए दीपा को सन्यास इसलिए लेना पड़ा क्योंकि नेशनल स्पोर्ट्स कोड के मुताबिक कोई भी सक्रिय एथलिट आधिकारिक रूप से फेडरेशन के किसी भी पद पर नहीं रह सकता।
वहीं अगर दीपा मलिक (Deepa Malik) की बात करें तो पिछले ही साल उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित किया गया था। देश में पैरालंपिक खेलों को अलग मुकाम देने के लिए उन्हें पदमश्री और अर्जुन अवॉर्ड से भी नवाजा गया है। दीपा अभी तक 23 अंतर्राष्ट्रीय मेडल अपने नाम कर चुकी है। 2011 आईपीसी विश्व एथलिट चैंपियनशिप के गोला फैंक प्रतिस्पर्धा में दीपा ने रजत पदक हासिल किया था।
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