कांग्रेस पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष के तौर पर सोनिया गांधी का एक साल का कार्यकाल को 10 अगस्त को समाप्त हो रहा है। इसे बढ़ाने के लिए जल्द ही कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक होनी है। हाल ही में कांग्रेस के एक पदाधिकारी ने कहा था कि पार्टी के संविधान के अनुसार कार्यकाल के विस्तार के लिए बैठक की आवश्यक्ता होती है। उन्होंने कहा कि महामारी को रोकने के लिए 25 मार्च से लागू कोरोनो वायरस लॉकडाउन के कारण नए अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं की जा सकी है। उनकी नियुक्ति के तुरंत बाद पिछले साल अक्टूबर-नवंबर में महाराष्ट्र और हरियाणा में विधानसभा चुनाव हुए। उसके बाद झारखंड और दिल्ली में भी मतदान हुआ। आयोग के अधिकारियों का कहना है कि 10 अगस्त तक अध्यक्ष नहीं चुने जाने पर आयोग इस मामले में दखल देगा। निर्वाचन आयोग ने कांग्रेस को नोटिस भेजकर राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर जानकारी मांगी है।
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आपको बता दें कि, सीडब्ल्यूसी ने पिछले साल 10 अगस्त को राहुल गांधी द्वारा अपना इस्तीफा वापस लेने से इनकार करने के बाद सोनिया गांधी को पार्टी के अंतरिम अध्यक्ष के रूप में नामित किया गया था। उस समय एक साल के अंदर स्थाई अध्यक्ष चुन लिए जाने की बात आयोग को बताई गई थी। आयोग ने उसी सिलसिले में कांग्रेस से तकाजा किया है। राहुल गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी की अपमानजनक हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद छोड़ दिया था। उस दौरान कांग्रेस को महज 52 सीटों पर जीत मिली थी। जिसके बाद सोनिया गांधी पर कांग्रेस के नेताओं ने अपने बेटों के हितों को पार्टी के ऊपर रखने का आरोप लगाया था। साथ ही यह भी कहा था कि कुछ नेताओं ने अपने गढ़ में इसी कारण से चुनाव भी गंवा दिया था।
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