भारत और नेपाल की सरहदों पर जो विवाद था वह विवाद तो भारतीय सेना और नेपाली सेना तथा भारत के मंत्री और नेपाल के मंत्री आपस में बैठकर सुलझालेंगे। लेकिन सोचने की बात यह है कि अब नेपाल के प्रधानमंत्री अपने देश में अपने खिलाफ उठ रही आवाजों को कैसे शांत करेंगे? आपको बता दें नेपाल में चीन के कब्जे के खिलाफ नेपाल की जनता केपी शर्मा ओली को निशाने पर ले रही है। जनता का आक्रोश अब टूट रहा है। नेपाल की हुमला में चीनी कब जी और इमारतों के निर्माण की पुष्टि होने के बाद काठमांडू के लोग सड़कों पर आ गए और चीन के खिलाफ जबरदस्त नारेबाजी करते हुए जुलूस निकाले लगे।
हाथों में तख्तियां लिए यह लोग बालू वाटर स्थित चीनी दूतावास के बाहर नारेबाजी करने के लिए खड़े हो गए। नेपाली न्यूज़ वेबसाइट खबर हब के मुताबिक आक्रोशित लोग सीमा अतिक्रमण रुको, अतिक्रमण की हुई नेपाली जमीन लौटाओ, नेपाल चीन बॉर्डर का नाका खोलो, चीनी साम्राज्यवाद मुर्दाबाद जैसे नारे लग रहे थे। युवाओं की तख्तियां और बैनरों पर इस तरह के नारे दिखाई दे रहे थे। जो निश्चित रूप से चीन के खिलाफ थे सोशल मीडिया पर भी प्रदर्शन की तस्वीरें और वीडियो को साझा किया जा रहा था और इसके साथ ही लोग अपने गुस्से को प्रदर्शित कर रहे थे।
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली लगातार भारत के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, जिसके कारण नेपाल और भारत के बीच रिश्ते खराब हो रहे हैं। इसी कारणवश कुछ दिनों पहले नेपाल के कुछ नेताओं ने यह निवेदन भी किया था कि नेपाल को पुनः पूर्ण हिंदू राष्ट्र बनाया जाए। 19 सितंबर को नेपाल में मनाए गए संविधान दिवस पर एक बार फिर हिन्दू राष्ट्र बनाने की मांग उठी। नेपाल की राष्ट्रीय प्रजातंत्र पार्टी ने हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग दोहराई है।
दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व उप प्रधानमंत्री कमल थापा ने राष्ट्र के हित में सनातन हिन्दू राष्ट्र घोषित करने की मांग की। कुछ दिनों पहले भारत की खिलाफत करने के लिए ही नेपाल के प्रधानमंत्री के आदेश पर नेपाल की कैबिनेट ने विवादित नक्शा पास किया था जिसमें भारत के तीन क्षेत्रों को नेपाल ने अपना बताया था। इसके अलावा नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भारतीय संस्कृति के पुरोधा और भारतीय आस्थाओं के प्रतीक भगवान श्री राम के प्रति भी एक विवादित बयान दिया था। जिसमें केपी शर्मा ओली ने कहा था, “भगवान राम नेपाली थे और भगवान राम का जन्म नेपाल में हुआ था!” लगातार नेपाल भारत से रिश्ते बिगाड़ने में लगा हुआ है और चीन को अपना मित्र समझ बैठा है जब किसी भी इसके विपरीत चीन लगातार नेपाल की जमीन पर कब्जा करके उसका एक प्रयोग भारत के खिलाफ करना चाहता है।
इसीलिए बुधवार की सुबह सैकड़ों की संख्या में नेपाली छात्र और सचेत समूह नेपाल के लोग काठमांडू स्थित चीनी दूतावास पहुंचे और अध्यक्ष शंकर हमाल के नेतृत्व में प्रदर्शन किया। नेपाल ने अपनी विवादित नशे में भारत की जिन जगहों को शामिल किया था वह निम्न है.. इसके बाद नेपाल ने नया लिपुलेख, कालापानी और लिम्पियाधुरा…