न किसानों ने मानी बात न सरकार झुकी, आज की बैठक भी रही बेनतीजा

आंदोलन करने वाले किसानों और भारत सरकार के बीच आज पांचवे दौर की बातचीत भी खत्म हो गई। यह बातचीत भी बेनतीजा रही।आगामी 9 दिसंबर को एक और बातचीत होगी। केंद्र सरकार को धमकी भरे अंदाज में कहा कि अगर सरकार ने उनकी मांग नहीं मानी तो वो हिंसा के रास्ते पर जा सकते हैं।

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चित्र साभार: ट्विटर @Jnstomar

आज भारत के किसानों और भारत की सरकार के बीच पांचवें दौर की बातचीत खत्म हो गई।यह बातचीत भी किसी हल तक नहीं पहुंच पाई। भारतीय किसानों का कहना है। हमारे पास एक साल का राशन-पानी है। हम कई दिनों से सड़क पर हैं।अगर सरकार चाहती है कि हम सड़क पर ही रहें, तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।हम अहिंसा के रास्ते पर नहीं रह पाएंगे। इंटेलिजेंस ब्यूरो आपको सूचना देगा कि हम प्रदर्शन स्थल पर क्या करने जा रहे हैं?

एमएसपी तथा मंडियों को खत्म करना चाहती है सरकार: किसान

किसानों ने दावा किया है कि इन कानूनों के द्वारा मंडी तथा एमएसपी की व्यवस्था को खत्म कर दिया जाएगा। दोपहर में चाय ब्रेक के बाद यह चर्चा दोबारा प्रारंभ हुई,किसान नेताओं ने चेतावनी दी कि यदि सरकार सितंबर में लागू तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के बारे में नहीं सोच रही, तो वे बैठक छोड़कर चले जाएंगे।ब्रेक में किसान नेताओं ने अपने साथ लाया भोजन और जलपान किया। हालांकि कुछ सूत्रों के अनुसार यह पता चला कि सरकार ने उन्हें बातचीत करने के लिए मना लिया था।मंत्रियों द्वारा रखे गये प्रस्तावों पर बैठक में भाग लेने वाले किसानों के बीच मतभेद भी सामने आया ।सरकार ने किसानों के खिलाफ पराली जलाने के और कुछ किसान कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने की भी पेशकश की।

8 दिसंबर को होगा भारत बंद

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने अनेक किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के समूह से कहा,”सरकार सौहार्दपूर्ण बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है और नये कृषि कानूनों पर उनके सभी सकारात्मक सुझावों का स्वागत करती है!”मंत्रियों ने शाम को बैठक स्थल पर मौजूद कुल 40 किसान प्रतिनिधियों में से तीन-चार किसान नेताओं के छोटे समूह के साथ बातचीत दोबारा शुरू की।हम आपको बता दे आंदोलन करने वाले किसानों ने 8 दिसंबर को भारत बंद करने का ऐलान कर दिया है। इसके अलावा किसानों ने यह भी कहा है कि हम दिल्ली के सारे आवागमन को ठप कर देंगे।

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