अफगानिस्तान में लगातार हिंसा और खून खराबे की खबरें सामने आ रही हैं। इन्हीं खबरों पर गंभीर चिंता जताते हुए भारत ने कहा है कि युद्ध ग्रस्त देश में स्थाई शांति के लिए इसके भीतर तथा आसपास के इलाकों में शांति की आवश्यकता है। इसके लिए शांति वार्ता में शामिल सभी पक्षों को प्रतिबंध का और सद्भाव के साथ राजनीतिक समाधान तक पहुंचना चाहिए। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा भारत अफगान सरकार और तालिबान सरकार के बीच बातचीत को तेज करने के सभी प्रयासों का समर्थन करता है।
भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को नौवे हार्ट ऑफ एशिया मिनिस्टीरियल कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा एक स्थिर संप्रभु और शांतिपूर्ण अफगानिस्तान वास्तव में हमारे क्षेत्र में शांति व प्रगति का आधार है। इसके लिए यह सुनिश्चित करना होगा कि आतंकवाद,कट्टरपंथ,मादक पदार्थों व आपराधिक गिरोहों से मुक्त हो जाए,हालांकि हिंसा और खून खराबा यह दैनिक वास्तविकता है और संघर्ष में कमी के फिलहाल कम संकेत यहां दिखाई दे रहे हैं। बीते कुछ महीनों में आम लोगों को निशाना बना कर हत्या की घटनाएं ज्यादा बढ़ चुकी है। 2019 की तुलना में 2020 में नागरिकों की मौत का प्रतिशत लगभग 45% बढ़ चुका है। विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि 2021 में भी स्थिति बेहतर नहीं हुई है अफगानिस्तान में विदेशी लड़ाकों की मौजूदगी खास तौर पर परेशान करने वाली है।