MP में लागू हुई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020, CM शिवराज ने की प्रमुख घोषणा, जानिये नई शिक्षा नीति की विशेषताएँ

मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 गुरुवार से लागू हो गई है। अब प्रदेश में नई शिक्षा नीति के तहत ही कॉलेजों में नए सत्र से एडमिशन किए जाएंगे। 26 अगस्त को राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं उच्च शिक्षा मंत्री की मौजूदगी में भोपाल के मिंटो हॉल में गुरुवार को यह आयोजन हुआ। कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने भी हिस्सा लिया।

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मध्य प्रदेश में आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो गई है। अब मध्यप्रदेश में ऐसी नई शिक्षा नीति के तहत कॉलेजों में प्रवेश मिलेगा। तथा पूरे प्रदेश की शिक्षा भी इसी शिक्षा नीति पर आधारित होगी। इस कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगू भाई पटेल और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव शामिल हुए। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और मोहन यादव ने नई शिक्षा नीति की विशेषताओं का वर्णन किया।

राज्यपाल मंगूभाई पटेल का संबोधन

राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने नई शिक्षा नीति लागू करने पर मध्यप्रदेश सरकार की सराहना करते हुए कहा कि अच्छी शुरुआत तो आधा काम पूरा कर लेती है। इस नई शिक्षा नीति ने हमारे देश को सुपर पावर बनाने का मौका दिया है।

मुख्यमंत्री ने नई शिक्षानीति लागू करते समय संबोधन में कहा कि विवेकानंद ने कहा था कि शिक्षा वो जो मनुष्य को मनुष्य बनाये। शिक्षा वो जो ज्ञान दे कौशल दें,भाषाओं का ज्ञान दें, इतिहास का ज्ञान दे। इस नई शिक्षा नीति में सम्पूर्ण ज्ञान है। ज्ञान का मतलब सम्पूर्ण का ज्ञान होना चाहिए। परीक्षा से पहले रट कर परीक्षा देकर पास हो जाओं वो ज्ञान नहीं है। पढ़ने के बाद रोजी रोटी नहीं कमा सकें तो उस शिक्षा का क्या मतलब। पहले हम कहते थे कि BA करूंगा इसके बाद MA करूंगा, लॉ करूंगा इसके बाद पता नहीं क्या होना है। सीएम शिवराज ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा नीति के बारे में प्रयोग तो बहुत हुए लेकिन PM मोदी के नेतृत्व में शिक्षा नीति बनी और अब हम उसको लागू कर रहे हैं। शिक्षा ऐसी हो कि शिक्षा ज्ञान कौशल और नागरिकता के संस्कार दे। पढ़ना है तो आप इतिहास, हिंदी, संस्कृत नहीं पढ़ सकते, लेकिन अब नई शिक्षा नीति में हम सब पढ़ सकते हैं।

छात्रों का कौशल विकास जरूरी

सीएम शिवराज ने कहा कि हम 60 हजार करोड़ वेतन बांटते हैं. कितनों को नौकरी देंगे, इसलिए कौशल विकास जरूरी है। सीएम ने कहा उच्च शिक्षा उसी को लेना चाहिए जो उच्च शिक्षा में दक्ष होना चाहता हैं। नहीं तो 12वीं बाद कौशल की शिक्षा लें। छात्रों को रोजगार की जरूरत है, सभी कॉलेज में कौशल देने वाली शिक्षा जरूरी होगी। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलपतियों को भी सीएम शिवराज ने नसीहत दी और कहा कि कुलपति का काम सिर्फ विश्वविद्यालय चलाना नहीं, मान्यता देना नहीं, कुलपतियों को विश्वविद्यालयों का कैदी बनकर रहने की ज़रूरत नहीं है। सम्बन्धित महाविद्यालय के दौरे करें मॉनिटरिंग करें।

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