राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर फुल रिपोर्ट, जानिए कॉलेज में कैसे मिलेगी डिग्री, बीच में पढ़ाई छोड़ दी तो क्या होगा?

भारत के पहले राज्य मध्य प्रदेश में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने देश के राज्यपाल गंगूभाई पटेल की उपस्थिति में नई शिक्षा नीति को लागू किया। इस दौरान मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव भी मौजूद रहे।

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राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को लागू करने वाला मध्यप्रदेश देश में पहला बन गया है। शिवराज सरकार ने स्पष्ट किया है कि मौजूदा शिक्षा सत्र में UG (ग्रेजुएशन) स्तर पर फर्स्ट ईयर में प्रवेश लेने वाले स्टूडेंट का ही नई नीति के अनुसार करिक्यूलम होगा। इसे बाद में चरणबद्ध तरीके से सेकेंड और थर्ड ईयर में लागू किया जाएगा। अब तक UG फर्स्ट ईयर में करीब 4 लाख 40 हजार स्टूडेंट्स रजिस्ट्रेशन करा चुके हैं। इन सभी स्टूडेंट्स पर यह नई नीति प्रभावी होगी।

प्रदेश में अब तक 10+2 पैटर्न जारी था। नई शिक्षा नीति (NEP) के आ जाने से 5+3+3+4 के पैटर्न को फॉलो किया जाएगा। 10वीं तक सारे सब्जेक्ट और 11वीं में स्ट्रीम तय करना होती है। नए सिस्टम को 5+3+3+4 बताया गया है। इसमें स्कूल के आखिरी चार साल 9वीं से लेकर 12वीं को एक समान माना गया है। अब स्ट्रीम चुनने की कोई आवश्यकता नहीं होगी। इसका अर्थ है कि छात्र अपने मनचाहे सब्जेक्ट के साथ पढ़ सकेगा। फिजिक्स वाला चाहे तो हिस्ट्री भी पढ़ पाएगा। एक्ट्रा करिक्यूलम एक्टिविटी, जैसे- म्यूजिक या गेम है, तो उसे भी एक सब्जेक्ट की तरह ही शामिल किया जाएगा। ऐसी रुचि वाले सब्जेक्ट्स को एक्स्ट्रा नहीं माना जाएगा।

सर्टिफिकेट कोर्स कितने साल का होगा, डिप्लोमा कब मिलेगा?

हम आपको बता दें यदि आप बीटेक कर रहे हैं। और आपका मन बीटेक में 1 साल बाद नहीं लगता है और आप पढ़ाई में इसमें छोड़ देते हैं। इस 1 साल का आपको सर्टिफिकेट मिल जाएगा। अब अगर आप कोई दूसरा कोर्स (मान लीजिए B.com.) करते हैं और 2 साल बाद इसे भी छोड़ देते हैं तो इन 2 साल का आपको डिप्लोमा मिल जाएगा। ग्रेजुएशन 3 साल में पूरा होगा। अगर वापस B.Tech. करने का मन हुआ तो पहले मिल चुके 1 साल के सर्टिफिकेट के आधार पर B.Tech. में सेकंड ईयर में एडमिशन ले सकते हैं।

राष्ट्रीय शिक्षा नीति की खासियत

बैचलर विद रिसर्च का 4 साल का कोर्स
चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम
फर्स्ट ईयर से ही इंटर्नशिप का प्रावधान
मल्टीपल एंट्री और एग्जिट सिस्टम लागू होगा

स्टूडेंट किसी वजह से बीच में पढ़ाई छोड़ देता है तो बाद में भी उसे जारी रख सकता है।
3 (ग्रेजुएशन) और 4 साल (बैचलर विद रिसर्च) के दो अलग डिग्री कोर्स शुरू किए गए हैं।
ग्रेजुएशन 3 साल में ही कम्प्लीट हो जाएगी।
रिसर्च में रुचि रखने वाले 4 साल का बैचलर विद रिसर्च कोर्स कर सकेंगे।
व्यावसायिक पाठ्यक्रम हर साल 4-4 क्रेडिट में होंगे।
प्रशिक्षण की अवधि 60 घंटे की होगी।
मल्टी डिसिप्लिनरी एजुकेशन होगी

कोई स्ट्रीम नहीं होगी। मनचाहे सब्जेक्ट चुन सकते हैं।
कोई फिजिक्स में ग्रेजुएशन कर रहा है और उसकी रुचि म्यूजिक में है, तो वह म्यूजिक भी साथ में पढ़ सकेगा।
मेजर और माइनर सब्जेक्ट की व्यवस्था होगी।

इस साल कितने कोर्स शुरू होंगे?

जॉब ओरिएंटेड सर्टिफिकेट, डिप्लोमा एवं व्यावसायिक पाठ्यक्रम प्रारंभ किए जा रहे हैं। इस वर्ष कॉलेजों में 177 डिप्लोमा और 282 सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किए जाएंगे। नीति के अनुसार एक साल में सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री सहित ‘मल्टीपल एंट्री, मल्टीपल एग्जिट सिस्टम और चॉइस बेस्ड क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) भी लागू किया जा रहा है।

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