उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शुरू से ही अपने कड़े फैसलों के लिए जाने जाते हैं। 2017 में अपने सपथ ग्रहण समारोह के बाद पहले ही संबोधन में जो यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने बोला आज उसी का नतीजा उतर प्रदेश में देखने को मिल रहा है। सपथ के बाद मीडिया से बात करते हुए यूपी के मुख्यमंत्री ने कहा था कि सूबे में किसी प्रकार की अराजकता, गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। हालाकि सीएम योगी की इन बातों का कुछ लोगों ने मखौल उड़ाया और तो और विपक्ष ने सीएम योगी की इन बातों को जुमला करार दे दिया लेकिन सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ ने लगातार बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार पर कार्रवाई की और लगातार आरोपियों को दबोच कर उन लोगों के मुंह पर तमाचा मारा जो सीएम योगी की बातों को जुमला कहा करते थे।
इन सबके बीच मुरादनगर कांड में जो फैसला सूबे की योगी सरकार ने लिया है वैसे फैसले की उम्मीद सिर्फ और सिर्फ योगी आदित्यनाथ से ही जा सकती है। आपको बता दें कि दिल्ली से सटे मुरादनगर में पिछले दिन शमशान की छत गिर जाने के बाद उसके मलबे में दब कर 25 लोगों की दर्दनाक मौत हो गई थी वहीं इस दुखद घटना में 17 लोग घायल हो गए थे। इस हादसे से सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ केवल दुखी ही नहीं है बल्कि इस घटना में शामिल लोगों पर कार्रवाई कर देश के लिए एक नजीर पेश की है।
क्या है योगी आदित्यनाथ का फ़ैसला
मुरादनगर कांड से दुखित सीएम योगी ने एक बार फिर बहुत बड़ा फैसला लिया है । सीएम योगी ने देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के लिए नजीर पेश करते हुए आदेश दिया है कि निर्माण कार्य में हुए सरकारी धन का अवैध खर्च और उससे हुए नुकसान के साथ मारे गए पीड़ितों के परिवार को दी जा रही मुआवजा राशि की भरपाई इस काण्ड में शामिल दोषी लोगों की प्रॉपर्टी को बेच कर बसूली जाए । यह घटना मुख्य रूप से विभागीय इंजिनियर और ठेकेदार की लापरवाही के कारण से हुई है।
मुराद नगर कांड के घटित होते ही सीएम योगी हरक़त में आ गए और घटना में मरने वाले लोगों के परिजनों के लिए 10 लाख रुपए मुआवजे की घोषणा कर दी वहीं जो लोग घर विहीन थे उन्हें घर देने की भी घोषणा कर डाली और विपक्ष को बोलने का मौका तक नहीं दिया हालाकि सीएम योगी इतने पर ही नहीं रुके, उन्होंने कड़ा कदम उठाया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि दुर्घटना के आरोपियों के खिलाफ NSA के तहत मुकदमा चलाया जाए और उन सभी लोगों पर रासुका भी लगा दिया गया है।
आपको बता दें सीएम योगी इससे पहले भी देश के अन्य मुख्यमंत्रियों के लिए नजीर पेश कर चुके हैं जब पूरा देश नागरिकता संशोधन के विरोध से जल रहा था और जगह जगह सरकारी संपति को नुकसान पहुंचाया जा रहा था ऐसे में यूपी की राजधानी लखनऊ समेत उत्तर प्रदेश के कई जिले दंगों की आग में जल रहे थे। मुख्यमंत्री रहते हुए योगी न केवल इन दंगों के प्रति गंभीर थे बल्कि दंगाइयों के खिलाफ सख्त एक्शन लेते हुए उन्होंने आदेश दिया कि हिंसा के दौरान जो भी क्षति सरकारी सम्पतियों को हुई है उसका हर्जाना इन्हीं दंगाइयों से वसूला जाएगा और सरकार ने ना सिर्फ बोला बल्कि करके भी दिखाया और नुक़सान की राशि की भरपाई उपद्रवियों की संपति को नीलाम करके वसूल की।