पाकिस्तान अपने नापाक हरकतों से दिन पर दिन उजागर हो रहा है। पाकिस्तान इतनी हद तक गिर चुका है की वह आतंकवाद की राह में इस्लाम की सबसे पवित्र मानी जाने वाली जगह मस्जिद तक का भी बेझिझक इस्तेमाल कर रहा है। ऐसे में आतंकी संगठनों का अड्डा बने पाकिस्तान में उनका आर्थिक नेटवर्क उजागर हुआ है। यहां पर तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों को आर्थिक सहयोग के लिए यहां के मस्जिदों में मोटी रकम चंदे के रूप में इक्कठा की जाती है। और ये प्रथा लंबे समय से चली आ रही है। जिसका खुलासा वहां की विपक्षी पार्टी ने ही किया है।
डान अखबार की रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान की विपक्षी पार्टी अवामी नेशनल पार्टी (एएनपी) ने कहा है कि सरकार की इन हरकतों के कारण ही पाक को मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है और आतंकी फंडिंग के मामले में वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से बाहर नहीं हो पा रहा है। एएनपी के पार्टी प्रवक्ता आइमल वली खान ने एक कार्यक्रम में कहा कि पाक में खून खराबे के लिए मस्जिदों से चंदा बंद होना चाहिए।
डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान इंस्टीट्यूट फॉर पीस स्टडीज ने कहा कि विभिन्न आतंकवादी, विद्रोही और हिंसक सांप्रदायिक समूहों ने तीन आत्मघाती विस्फोटों सहित पूरे पाकिस्तान में 146 हमले किए, जो पिछले वर्ष की तुलना में 36 प्रतिशत से अधिक की गिरावट है। तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी), जो पाकिस्तान में एक प्रतिबंधित संगठन है और उसके सहयोगी 2020 में पाकिस्तान में अस्थिरता के प्रमुख कारक बने रहे, जिसने कुल 67 आतंकवादी हमलों को अंजाम दिया।
हाल में ही आतंकी ट्रेनिंग सेंटर का खुलासा हुआ था
पाकिस्तानी सेना, हमास के आतंकवादियों को मिलिट्री ट्रेनिंग दे रही है। इसका खुलासा स्वयं वहां के पूर्व राजनयिक व सांसद राजा जफर उल हक ने किया है। उन्होंने बताया कि पाकिस्तानी सेना बहुत पहले से ही हमास के आतंकवादियों को ट्रेनिंग दे रही है, जो अभी भी जारी है। यह भी कहा जा रहा की पाकिस्तानी सेना के स्पेशल कमांडो एसएसजी इस ट्रेनिंग सेंटर को गाजा में कई सालों से चला रहे है।