डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया नामक वामपंथी संगठनों के लोगों ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर के बाहर विरोध प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन के माध्यम से उनकी सरकार पर बेरोजगारी तथा बिगड़ती सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने के मामले में कुछ काम न करने का गंभीर आरोप लगाया गया। डीवाईएफआई की दिल्ली विंग ने विरोध प्रदर्शन करने के बाद केजरीवाल और उपराज्यपाल अनिल बैजल को मांगों का एक ज्ञापन सौंपा। युवाओं के संगठन ने एक बयान में कहा कि प्राथमिक मांगों में दिल्ली में रिक्त सरकारी पदों को भरने के लिए तत्काल भर्ती शुरू करना शामिल है।
डीवाईएफआई की दिल्ली राज्य समिति के सचिव अमन सैनी ने सूचना के अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत उनके संगठन द्वारा पूछे गए एक प्रश्न पर दिल्ली सरकार के जवाब का जिक्र करते हुए कहा, “शिक्षकों के लगभग 33,000 पद खाली हैं।” उन्होंने कहा, “जल बोर्ड में 10,000 और पीडब्ल्यूडी में 8,000 पद खाली हैं।”
संगठन ने कहा कि केजरीवाल सरकार इन रिक्तियों को भरने के लिए कुछ नहीं कर रही है। ज्ञापन में, संगठन ने यह भी कहा कि महामारी से पहले लगातार तीन वर्षों तक अस्पताल के बिस्तरों की उपलब्धता में लगातार कमी देखी गई है, जिसके कारण दिल्ली में कोविड महामारी की दूसरी लहर के दौरान हर जगह लोगों की मौत हुई।