मुख्य कलाकार: करिश्मा तन्ना, ऋचा चड्ढा, अरूणोदय सिंह
निर्देशन: कुणाल कोहली
प्यार का महीना शुरू हो गया है और इस महीने लोगों को उम्मीद होती है कि कुछ प्यार- मोहब्बत वाली फिल्में देखने को मिलेगी। इस हफ्ते रिलीज़ हुई फिल्म लाहौर कॉन्फिडेंशियल में आपको रोमांस तो देखने को मिलेगा, लेकिन उसके साथ ही कुछ शानदार शायरी और एक रोचक कहानी भी आपका मनोरंजन करेगी। कुणाल कोहली के निर्देशन में बनी यह फिल्म ओटीटी प्लेटफॉर्म ज़ी5 पर रिलीज़ हुई है। मात्र एक घंटे की फिल्म में आपको एक अच्छा पैकेज देखने को मिलेगा। हालांकि फिल्म की कहानी में ज्यादा नयापन नहीं है। रॉ और आईएसआई खुफिया एजंसियों पर आधारित बहुत सी फिल्में आपने पहले भी देखी होगी। इसके बावजूद यह फिल्म दर्शकों का मनोरंजन करने में कामयाब होती नज़र आ रही है।
कहानी
फिल्म की कहानी भारतीय खुफिया एजंसी रॉ के एक मिशन से शुरू होती है। रॉ अपनी एक एजेंट अनन्या (ऋचा चड्ढा) को पाकिस्तान भेजते है। अनन्या का काम होता है कि वह वहाँ जाकर आईएसआई और पाकिस्तान से जुड़ी कुछ खुफिया जानकारी भारत को दे सकें। लेकिन इसी बीच अनन्या की मुलाकात वहाँ पर एक इवेंट मैनेजर रौफ अहमद काज़मी से होती है। रौफ असल में एक आईएसआई एजेंट होता है, लेकिन वह सभी से अपनी पहचान छिपाकर रखता है। रौफ और अनन्या दोनों को ही शायरी बहुत पसंद होती है और कुछ ही समय में दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। इसके बाद रौफ अनन्या से धीरे-धीरे सारी जानकारी प्राप्त कर लेता है। क्या होगा जब अनन्या को रौफ की सच्चाई के बारे में पता चलेगा? क्या रॉ अपने मिशन में कामयाब हो पाएगी? इन सवालों के जवाब तो आपको फिल्म देखने के बाद ही मिलेंगे।
निर्देशन
कुणाल कोहली ने फिल्म की लंबाई कम रखकर काफी अच्छा काम किया है और यही बात दर्शकों को पसंद भी आ रही है। फिल्म की कहानी में वे ज्यादा कुछ नया नहीं ला पाए और मुमकिन है कि रॉ और आईएसआई एजेंट के बीच प्यार होना और एक-दूसरे से खुफिया जानकारी निकलवाना जैसी कहानियां आपने पहले कई बार देखी भी होगी। लेकिन कुणाल ने फिल्म में जो शायरी का तड़का डाला है, वह वाकई लाजवाब है। फिल्म की शुरूआत अच्छी है और रोमांच पैदा करने में कामयाब होती है। हालांकि क्लाइमैक्स आने तक फिल्म थोड़ी कमजोर लगती है, जिसपर निर्देशक को ज्यादा ध्यान देने की जरूरत थी।
एक्टिंग
फिल्म में ऋचा चड्ढा, करिश्मा तन्ना और अरूणोदय सिंह मुख्य भूमिकाओं में नज़र आए हैं। ऋचा चड्ढा की एक्टिंग औसत है, लेकिन उनकी शायरी यकीनन आपका दिल जीत लेगी। अरूणोदय सिंह ने अपने किरदार के साथ न्याय किया है। ऋचा और अरूणोदय के बीच की केमिस्ट्री भी आपको पसंद आएगी। करिश्मा तन्ना और अन्य किरदार भी अपने-अपने रोल में ठीक ही लग रहे हैं।
क्या है फिल्म की खासियत
फिल्म की लंबाई इसकी सबसे बड़ी खासियत है। इस तरह की कसी हुई फिल्म आज के समय में लोग पसंद करते हैं। फिल्म की कहानी थोड़ी पुरानी है, लेकिन दमदार डायलोग्स और शायराना अंदाज़ आपका ध्यान फिल्म की कमजोरियों पर नहीं जाने देगा। फिल्म के अंत में थोड़ा सस्पेंस भी छोड़ा गया है, जिसे देखकर लगता है कि निर्माता इसके सीक्वल बनाने की प्लानिंग भी कर रहे हैं। अगर खुफिया एजेंसी से जुड़ी फिल्में पसंद करते है या फिर शायरी का शौक रखते है तो एक बार ये फिल्म देखी जा सकती है।