जानिए दिल्ली में क्यों हुए दंगे,क्या प्रधानमंत्री की छवि को बिगाड़ना था उद्देश्य

सूत्रों के अनुसार उत्तर पूर्वी दिल्ली में जो दंगे हुए थे वो किसी कानून को लेकर नहीं बल्कि प्रधानमंत्री मोदी की छवि खराब करने के लिए आयोजित किए गए थे।

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कहा जाता है कि यदि आप अपनी अच्छी मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे तो सरकार को भी आपके सामने झुकना पड़ता है। लेकिन हमेशा सड़कों पर आंदोलन करने वाले देश के लिए भले नहीं होते हैं कभी-कभी वह देश में जहर घोलने का काम करते हैं। यही कुछ उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुआ। यह बताया जा रहा है कि उत्तर पूर्वी दिल्ली में हिंसा यूं ही नहीं भड़की थी बल्कि मोदी सरकार की छवि बिगाड़ने के लिए सुनियोजित ढंग से इस दंगे को अंजाम दिया गया था। इस साजिश में देश के बड़े राजनीतिक, अधिवक्ता और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय और जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों ने मोहरा बनकर नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में 22 जगह पर प्रदर्शन शुरू कर आया था। सूत्रों के अनुसार वामपंथी और मोदी विरोधी नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को वैश्विक स्तर पर धूमिल करने के लिए दिल्ली दंगों की साजिश रची थी।

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के दिल्ली पहुंचने पर 22 फरवरी को सभी धर्म स्थलों पर बैठे लोगों को मुख्य सड़कों पर जाम करने का संदेश दिया गया था। इसके बाद साजिश के तहत उसी दिन जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे सड़क को जाम कर दिया गया और 23 फरवरी को पुलिस पर पथराव भी किया गया। यह भी बताया जा रहा है कि इस दंगे के लिए लोगों के पास चीन से पैसे आए थे। दरअसल दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल के अनुसार कई बामपंथी संगठन और कई नेता इस साजिश में शामिल थे और सेल के अनुसार शायद इन लोगों ने चीन से फंडिंग करवाई है पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पीएफआई से करोड़ों रुपए की फंडिंग इसी दंगे में हुई थी

लघु फिल्म निर्माता राहुल रॉय के खिलाफ स्पेशल सेल को कई प्रमुख सबूत मिले हैं। जिसे लेकर पिछले दिनों उससे पूछताछ भी की गई थी। सूत्रों के अनुसार एक या दो बार और पूछताछ के लिए राहुल को गिरफ्तार किया जा सकता है। गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम के तहत जिन 21 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। उन्होंने अपने बयान में माकपा सचिव सीताराम येचुरी, स्वराज अभियान के नेता योगेंद्र यादव, वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद, सीपीआई एमएल पायलट ब्यूरो सदस्य कविता कृष्णन, वृंदा करात, फिल्म अभिनेत्री स्वरा भास्कर, अर्थशास्त्री जयती घोष, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद, कांग्रेस के पूर्व विधायक मतीन अहमद,आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खान, वकील महमूद प्राचा, भीम आर्मी सदस्य हिमांशु और चन्दन कुमार के नाम शामिल हैं।

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