जानिए क्यों अकेली महिला को दो पुरुषों के बीच में भारतीय रेलवे नहीं देता है सीट, क्या आप जानते हैं रेलवे के इन कानूनों के बारे में…

हिंदुस्तान की लाइफ लाइन कही जाने वाली भारतीय रेल हर हिंदुस्तानी को कई कानूनों से बांधती है। अगर आप रेल के माध्यम से कहीं भी जाते हैं तो आपको इन कानूनों का पालन करना चाहिए अन्यथा रेलवे विभाग आपको दंडित कर सकता है।

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भारतीय रेलवे को भारत की लाइफ लाइन कहा जाता है। प्रतिदिन करोड़ों की संख्या में लोग भारतीय रेलवे के माध्यम से अपनी मंजिल तक पहुंचते हैं। बहुत सारे लोग इसी रेलवे के माध्यम से अपने दैनिक जीवन की आजीविका भी चलाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारतीय रेलवे के भी कुछ अलग कानून है? इन्हीं कानूनों का पालन करते हुए भारत की जनता को रेल में सफर करना होता है। आज हम आपको उन्हीं कानूनों के बारे में बताएंगे।

आपने देखा होगा कि कभी भी भारतीय रेलवे किसी अकेली महिला को दो पुरुषों के बीच में सीट नहीं देता है। क्या आप जानते हैं कि इसका कारण क्या है? IRCTC महिलाओं को बहुत ही ज्यादा खास सुविधाएं देते हैं। अगर कोई भी महिला IRCTC में अपना टिकट बुक करती है तो उन्हें वही टिकट मिलती है, जिसमें पहले किसी महिला ने टिकट बुक की होती है। ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि किसी भी महिला को पुरुष के साथ बैठने में कोई परेशानी ना हो।

हम सभी जानते हैं कि जब भी किसी प्लेटफार्म पर कोई ट्रेन आती है, तो प्लेटफार्म पर खड़े यात्री उस ट्रेन को देखने के लिए झांकने लगते हैं। यात्रियों का यह कारनामा उनके जीवन को खतरे में डाल सकता है और इस पर रेलवे का एक सख्त कानून भी है। रेलवे पुलिस फोर्स आपको ऐसा करने पर रेलवे एक्ट की धारा 147 के तहत दंडित कर सकती है।बंद हुए रेलवे फाटक से निकलने वाले लोगों पर भी इसी धारा के तहत कार्रवाई की जाती है।

हम आपको बता दें अगर आप स्टेशन के परिसर में जोर जोर से बोलते हैं तो आपको रेलवे पुलिस के द्वारा दंडित किया जा सकता है। ऐसी स्थिति में आप पर रेलवे की धारा 145 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। ऐसे लोगों को एक महीना सलाखों के पीछे भी बिताना पड़ सकता है। इसलिए रेलव परिसर में कभी किसी से लड़ाई नहीं करना चाहिए।

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