कोरोना संक्रमण ने भारत के आम जनमानस से लेकर राजनेताओं के जीवन में भी बहुत बड़ा परिवर्तन किया है। आने वाली 1 फरवरी को भारत का बजट प्रस्तुत किया जाएगा और यह बताया जा रहा है कि आगामी बजट इस बार कागज रहित होगा क्योंकि कोरोना महामारी के कारण वित्त मंत्रालय ने बजट के दस्तावेजों को नहीं छापा है। सूत्रों के अनुसार यह बताया जा रहा है कि सरकार को संसद के दोनों सदनों की ओर से यह अनुमति मिली है, इसीलिए इस प्रकार का निर्णय लिया गया है। क्योंकि मुद्रण प्रक्रिया में कई लोगों को कोरोनावायरस आशंकाओं के बीच एक पखवाड़े तक प्रेस में रहने की जरूरत पड़ती ,जिससे बचने का फैसला लिया गया। हम आपको बता दें बजट दस्तावेज आमतौर पर नॉर्थ ब्लॉक में वित्त मंत्रालय के इन हाउस प्रिंटिंग प्रेस में मुद्रित किए जाते हैं।
वित्तीय वर्ष 2021 2022 में इस बजट के द्वारा कई परंपराएं टूटने वाली हैं। बताया जा रहा है कि वित्त मंत्रालय की ओर से हर बार आयोजित होने वाले हलवा समारोह को भी इस बार टाला जा सकता है या फिर इसमें कम व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति मिल सकती है। लगातार दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं और जरा सी ढील देने पर यह मामले और ज्यादा गति से बढ़ सकते हैं इसीलिए सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया है। आमतौर पर बजट छपाई का कार्य 20 जनवरी के आसपास शुरू होता था। इसमें बजट बनाने वाले सभी लोग शामिल होते थे और छपाई की शुरुआत को चिन्हित करते थे। एक बार प्रिंटिंग प्रारंभ होने के पश्चात प्रिंटिंग कर्मचारी बजट की प्रस्तुति तक प्रेस के अंदर ही रहते थे। केवल उच्च रैंक वाले अधिकारियों को ही प्रवेश की अनुमति होती थी और वह भी विशेष पहचान पत्र के आधार पर अंदर जा सकते थे। ऐसे में कोरोना संक्रमण का खतरा भी था और पिछले वर्षो की अपेक्षा इस बार इन सब पर भारत सरकार का खर्चा भी ज्यादा हो सकता था।