भारतीय संस्कृति में स्त्री को देवी का स्वरूप माना गया है और उसका सबसे ज्यादा पालन किया जाता है उदयपुर से लगभग 8 किलोमीटर की दूरी तितरड़ी गांव में! इस गांव में 29 सितंबर 2019 को एक ऐसी पहल की गई जो निश्चित रूप से स्वागत योग्य है। इस गांव में जब किसी बेटी के जन्म होता है तो उसके परिवार को आर्थिक सहायता मुहैया कराई जाती है। साथ ही साथ गांव को हरा-भरा बनाने के लिए तुलसी का पौधा बेटी के नाम पर लगाया जाता है।
इस गांव में अनूठी पहल को प्रारंभ करने वाले राजेंद्र सिंह बताते हैं कि देश में जिस तरह से बालिकाओं के जन्म को लेकर एक गलत धारणा बनी हुई थी। उसे रोकने के लिए मेरे परिवार और गांव के कुछ सदस्यों द्वारा इस कार्य को शुरू किया गया। धीरे-धीरे भामाशाह द्वारा हमें सहयोग मिल गया। उसी का नतीजा कि आज गांव में पैदा होने वाली बेटी के जन्मदिन पर जश्न मनाया जाता है। राजेंद्र ने बताया कि इस योजना के तहत मुहैया करवाई राशि उसे मिल जाती है। इस पहल की शुरुआत होने के बाद अब तक गांव में पैदा होने वाली 176 बालिकाओं को 5100 के फिक्स डिपोजिट की आर्थिक सहायता मुहैया कराई जा चुकी है। इस कड़ी में लगभग गांव की 21 कन्याओं को 5100 रुपए तुलसी का पौधा और ट्री गार्ड भेंट किया गया है।