जम्मू-कश्मीर से 2025 तक 80 फीसदी बेरोजगारी की समस्या होगी दूर, सरकार ने रोडमैप किया तैयार

जम्मू-कश्मीर सरकार ने बेरोजगारी दूर करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि, 2025 तक राज्य में 80 फीसदी बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी।

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जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक प्रेस वर्ता में बताया कि राज्य के युवाओं में प्रतिभाओं की कमी नहीं है। बस उन्हें निखारने की जरूरत है। आज देश और राज्य के युवा पीढ़ी बेरोजगारी का दंश झेल रही है। जम्मू-कश्मीर सरकार ने बेरोजगारी दूर करने की दिशा में काम शुरू कर दिया है। सरकार ने लक्ष्य रखा है कि, 2025 तक राज्य में 80 फीसदी बेरोजगारी की समस्या दूर हो जाएगी। उन्होंने बताया कि, इसके लिए रोडमैप भी तैयार कर लिया गया है और अगले छह महीने में 25 हजार सरकारी नौकरियां दी जाएंगी।

उपराज्यपाल ने बताया कि, केवल सरकारी नौकरियों से ही बेरोजगारी दूर नहीं होगी। अपितु इसके लिए अन्य क्षेत्रों में भी रोजगार मिले, इसके लिए व्यापक योजना बनाई गई है। जल्द ही नई औद्योगिक नीति आ रही है जिसके तहत अगले दो-ढाई साल में प्रदेश में 30 हजार करोड़ रुपये का विभिन्न क्षेत्रों में निवेश होगा। नए उद्योग लगेंगे तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। 31 अक्तूबर को युवाओं के चतुर्दिक विकास के लिए कार्यशाला कराई गई थी जिसके सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं।

भारत की सबसे बड़ी कम्पनी टाटा ने जम्मू व बारामुला में स्किल डेवलपमेंट सेंटर खोलने पर सहमति जताई है। बांबे स्टॉक एक्सचेंज के साथ एमओयू इसी सप्ताह होगा। इसमें दो इंक्यूबेशन सेंटर तथा वित्तीय क्षेत्र में युवाओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वे अपने पैरों पर खड़े हो सकें। वहीं, हिंदुजा ने दो स्किल डेवलपमेंट व मोटर ट्रेनिंग सेंटर खोलने को मंजूरी दी है। विप्रो भी शिक्षा के साथ स्किल डेवलपमेंट में सहयोग करने को तैयार है।

उन्होंने बताया कि, रोशनी एक्ट को लेकर प्रशासन पूरी ईमानदारी से काम कर रहा है। उच्च न्यायालय का फैसला शब्दश: लागू किया जाएगा जिसके अंतर्गत जो भी दोषी पाए जाएंगे उनके विरुद्ध विधिसम्मत कार्रवाई होगी। आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा कि, किसी भी सामान्य आदमी या गरीब को घबराने की जरूरत नहीं है।

कश्मीरी पंडितों के लिए डेढ़ वर्ष में पांच हजार आवास तैयार करने की भी बात कही

उन्होंने बताया कि, प्रधानमंत्री पैकेज के तहत छह हजार नौकरियों व छह हजार आवास के लिए धन उपलब्ध कराया गया था  लेकिन कई कारणों की वजह से यह पूरा नहीं हो पाया। 167 पदों को छोड़कर शेष पद अगले छह महीने में भर दिए जाएंगे। पांच हजार मकानों का टेंडर कर दिया गया है, शेष एक हजार का भी जल्द हो जाएगा। अगले डेढ़ वर्ष में पांच हजार मकान बनकर तैयार हो जाएंगे।

Image Source: Tweeted by @ManojSinha_

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