लॉकडाउन के बीच संपन्न हुआ जैन ई-शिविर,13 हज़ार से अधिक लोगों ने प्राप्त किया तत्वज्ञान

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संस्कार बहुत जरूरी है, बाकी सब मजबूरी है।।

इन दिनों कोरोनावायरस और देशव्यापी लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेज, सिनेमाघर, मॉल, जिम से लेकर धार्मिक संस्थान तक सब कुछ बंद है। ऐसे समय में बच्चों को धर्म का महत्व और नैतिक संस्कार देने के लिए अर्हम् पाठशाला द्वारा एक ऑनलाइन शिविर का आयोजन किया गया। हर साल गर्मियों की छुट्टियों में यह शिविर जैन मंदिरों में आयोजित होता है, जिसमें जैन-अजैन समेत सभी धर्मों के लोग हिस्सा लेते है। इस साल यह शिविर पूरी तरह से ऑनलाइन आयोजित किया गया, जिसमें 13 हज़ार से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया। 10 से 17 मई तक आयोजित हुए इस ई-शिविर में बच्चे-बूढ़े समेत हर उम्र के लोग शामिल थे।

इस शिविर का आयोजन डॉक्टर हुक्मचंद भारिल्ल जी के सान्निध्य में किया गया। यह शिविर भारत के अलावा दुबई, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका और लंदन समेत विश्व के समस्त बड़े शहरों में आयोजित हुआ। इस शिविर में रोज़ाना सुबह, दोपहर और शाम तीन समय कक्षाएं लगती थी जिसमें हिंदी, अंग्रेज़ी, गुजराती, मराठी, तमिल और कन्नड़ समेत कुल 6 भाषाओं में विद्यार्थियों को अध्ययन कराया जाता था। सभी लोगों ने सपरिवार अपने घरों से ही इस शिविर में भाग लिया। शिविर में अलग-अलग लेवेल के हिसाब से 100 से अधिक कक्षाएं रोज़ाना लग रही थी, जिसके लिए 120 अध्यापकों को नियुक्त किया गया था।

इस शिविर के लिए 50 मुख्य लोगों की एक टीम बनाई गई थी, जो पिछले एक महीने से दिन-रात इस काम में लगे हुए थे। समस्त आयोजकों और कार्यकर्ताओं ने अपने-अपने घरों पर रहकर ही इस शिविर का कार्यभार संभाला। सभी विद्यार्थी भी अपने घरों से ही ज़ूम एप्प और यू-ट्यूब के माध्यम से शिविर का सीधा प्रसारण देखा करते थे। शिविर के दौरान लोगों ने क्या सीखा, इसके लिए शनिवार को एक परीक्षा का आयोजन भी किया गया था। सोमवार को हुए समापन समारोह में विद्यार्थियों का रिज़ल्ट भी घोषित कर दिया गया।

परीक्षा में प्रथम, द्वीतिय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों विद्यार्थियों का पुरस्कार बाद में उनके घर पहुँचा दिया जाएगा। इसके अलावा अन्य सभी विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया है। शिविर के मुख्य आयोजक पंडित सुदीप शास्त्री ने बताया कि रोज़ाना एक हज़ार लोग ज़ूम एप के जरिए जुड़ते थे, वहीं 20 हज़ार से अधिक लोगों ने यू-ट्यूब पर यह पूरा कार्यक्रम देखा है। इस विकट परिस्थिति में एक ओर जहाँ पूरे विश्व में हाहाकार मचा हुआ है, वहीं दूसरी ओर अर्हम् पाठशाला का यह कदम बेहद सराहनीय है। यकीनन इस शिविर के माध्यम से लोगों के अंदर अच्छे विचारों का संचार होगा, जो आगे चलकर उज्जवल भारत बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देंगे।

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