इज़राइल के इतिहास में पहली बार किसी प्रधानमंत्री पर भ्रष्टाचार का आरोप लगा है। वहाँ के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर धोखाधड़ी, घुस और विश्वासघात के आरोप लगाए गए हैं। ऐसे में अब नेतन्याहू के ऊपर प्रधानमंत्री का पद छोड़ने का दबाव बनाया जा रहा है। हालाँकि इन आरोपो के बावजूद नेतन्याहू को इस्तीफ़ा देने के लिए मजबूर नहीं किया जा सकता है, लेकिन संभावना है कि वो जल्द ही प्रधानमंत्री का पद त्याग सकते हैं।
नेतन्याहू पर सभी आरोप सिद्ध होने के बाद उन्होंने खुद की तऱफ से सफाई पेश करते हुए कहा है कि, उन पर लगे सभी आरोप बेबुनियाद हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री के पद पर रहते हुए कोई भी ग़लत काम नहीं किया है।
आपको बता दें कि इज़राइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के खिलाफ अरबपति मित्रों से सैकड़ों हजारों डॉलर की शैम्पैन और सिगार घूस के रूप में लेने का आरोप लगाया गया है। इसके अलावा उन पर अखबार के एक प्रकाशक को लाभ दिला कर अपने पक्ष में करने का भी आरोप है। इजराइल के एडवोकेट जनरल अविचाई मैंडलब्लिट ने औपचारिक रूप से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर भ्रष्टाचार के तीन मामलों में आरोप तय किये हैं।
इज़राइल के इतिहास में किसी प्रधानमंत्री पर पहली बार भ्रष्टाचार का आरोप लगा है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि इज़राइल की राजनीति में भारी उठा पटक हो सकती है। विरोधी दल इस वक़्त नेतन्याहू पर पद छोड़ने का दबाव बना रहे हैं।
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